आजादी के बाद देश में हिंदी के उत्थान के लिए 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया. ये दिन देश में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. राजभाषा के दर्जे में अंग्रेजी को हटाकर हिंदी को चुने जाने पर देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रर्दशन शुरू हो गया था.
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लखनऊ: 14 सितम्बर को पूरे देश में राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है. आजादी के बाद देश में हिंदी के उत्थान के लिए 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया. ये दिन देश में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. हालांकि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) के रूप में मनाया जाता है, इस तरह से भारत में दो बार हिंदी दिवस मनाया जाता है. हिन्दी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. हमारे देश में करीब 77 फीसदी लोग हिन्दी बोलते, समझते और पढ़ते हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंदी दिवस की बधाई दी है.
विविधता से परिपूर्ण देश में राष्ट्रीय एकता की प्रतीक हिंदी भाषा हमारी पहचान एवं संस्कृति का अभिन्न अंग है।
आइए, राष्ट्रभाषा व विश्वभाषा के रूप में स्थापित करने हेतु हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग का संकल्प धारण करें।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 14, 2021
14 सितंबर 1949 को हिंदी राजभाषा घोषित
संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में इसका उल्लेख है. इसके अनुसार भारत की राजभाषा 'हिन्दी' और लिपि देवनागरी है. साल 1953 से हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाने की शुरुआत हुई. इस दिन संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा घोषित किया. वहीं राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की सिफारिश के बाद से 14 सितंबर 1953 से हिंदी दिवस मनाया जाने लगा. आपको बता दें पूरी दुनिया में विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है.
एक हफ्ते तक चलता है हिन्दी पखवाड़ा
हिन्दी भाषा के उत्थान और भारत में राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाने के लिए ही हिन्दी दिवस मनाया जाता है. हिन्दी दिवस को पूरे एक हफ्ते तक सेलिब्रेट किया जाता है, जिसे हिन्दी पखवाड़ा के नाम से जानते हैं. हिन्दी दुनिया में बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे नंबर पर है. इस दिन को स्कूलों से लेकर ऑफिसों तक में सेलिब्रेट किया जाता है. जिसके तहत निबंध प्रतियोगिता, भाषण, काव्य गोष्ठी, वाद-विवाद जैसी प्रतियोगिताएं कराए जाते हैं.
शुरू हुआ हिंदी विरोधी आंदोलन
हिंदी को राजभाषा बनाए जाने पर देश के हिस्सों में विरोध शुरू हो गया है. 26 जनवरी 1965 को जब हिंदी देश की आधिकारिक राजभाषा बन गई तो दक्षिण भारत के राज्यों में रहने वाले लोगों को डर सताने लगा कि हिंदी के आने से वे उत्तर भारतीयों की तुलना में विभिन्न क्षेत्रों में पिछड़ जाएंगे. इसके बाद हिंदी विरोधी आंदोलन शुरू हो गया. उस समय मद्रास (वर्तमान में तमिलनाडु ) में आंदोलन और हिंसा का एक जबरदस्त दौर चला. तमिलनाडु समेत दक्षिणी भारत के राज्यों में हिंदी की प्रतियां भी जलाई जानें लगी और दंगे भड़के.
जानें क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस
हिंदी का बढ़ावा देने के लिए देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है. इसी उद्देश्य के साथ के सभी सरकारी कार्यालयों को भी हिंदी का प्रयोग करने के लिए कहा जाता है. इस दिन लोगों को प्रेरित करने के लिए हिंदी भाषा अवॉर्ड भी दिया जाता है. इस दिन साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति उन सभी लोगों को सम्मानित करते हैं जिन्होंने हिंदी भाषा के किसी क्षेत्र में उपलब्धि हासिल की है.
विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस में अंतर
विश्व हिंदी दिवस दुनिया भर में 10 जनवरी को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर हिंदी का प्रचार प्रसार करना है. वहीं इसके कुछ महीने बाद ही राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है. राष्ट्रीय हिंदी दिवस उस दिन मनाया जाता है, जिस दिन संविधाव सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा घोषित किया जबकि विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर हिंदी को बढ़ावा देना है.
विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक हिंदी
आज हिंदी विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है. विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हिंदी का दबदबा बढ़ा है. आज हिन्दी भाषा को पूरे विश्व भर में सम्मान के नजरों से देखा जाता है. यहां तक की टेक्नोलॉजी के जमाने में आज विश्व की सबसे बड़ी कंपनियां जैसे गूगल, फेसबुक भी हिंदी को बढ़ावा दे रही हैं.
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