बरेली की अनिकेत के साथ कोटा में इस साल 15वीं आत्महत्या, क्या 250 रुपये को नोट्स के ढाई लाख ले रहे कोचिंग सेंटर?
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बरेली की अनिकेत के साथ कोटा में इस साल 15वीं आत्महत्या, क्या 250 रुपये को नोट्स के ढाई लाख ले रहे कोचिंग सेंटर?

Kota Coaching Student Suicide News: कोटा में बरेली के रहने वाले ए स्टूडेंट ने खुदकुशी कर ली है. छात्र की आत्महत्या मामले ने एक बार फिर कोटा के कोचिंग संस्थानों को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है. 

सांकेतिक तस्वीर.

नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा जिले में शुक्रवार (23 दिसंबर) को NEET की तैयारी कर रहे एक स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली थी. जानकारी के मुताबिक, छात्र ने ब्रेकअप और पढ़ाई के बढ़ते दबाव के चलते यह कदम उठाया. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. बता दें कि 10 दिनों के अंदर कोटा में आत्महत्या का यह चौथा मामला है. कोटा में 2022 में अब तक 15 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं. 

क्या है पूरा मामला? 
उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी अनिकेत कुमार कोटा में नीट की तैयारी कर रहा था. कोटा में वह जवाहर नगर थाना क्षेत्र के इंदिरा विहार इलाके में एक हॉस्टल में रहता था. शुक्रवार को अनिकेत के भाई ने उसे कई बार फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया. कई बार फोन ना उठने पर घर वाले परेशान हो गए. जिसके बाद उन्होंने हॉस्टल के वार्डन और अन्य छात्रों को फोन किया. इस पर वॉर्डन व बाकी छात्र अनिकेत के कमरे में उसे देखने पहुंचे. जहां वह पंखे से लटका हुआ मिला. मृतक के बड़े भाई अभिषेक ने बताया कि वह तीन साल से कोटा में नीट की तैयारी कर रहा था. उसका 11वीं कक्षा में एडमिशन कराया गया था. 

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सुसाइड नोट में क्या लिखा? 
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छात्र के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. जिसमें उसने लिखा, "'मैं मेंटली बहुत डिस्टर्ब था, एक लड़की ने बहुत परेशान किया. मैं सहन करने की क्षमता नहीं रखता. उसके बाद भी इस लड़की ने मेरी फीलिंग के साथ खिलवाड़ किया. मुझे इतना डिस्टर्ब कर दिया कि नीट का मेंटल प्रेशर और इसका प्रेशर सब हद से ज्यादा हो गया, अब सहन नहीं होता." उसने यह भी लिखा कि वह अपने माता-पिता, दो बहनों और भाई से बहुत प्यार करता है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छात्र का शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया. मामले में दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 174 के तहत अस्वाभाविक मौत का मुकदमा दर्ज किया गया है. 

प्रदर्शन के आधार पर बच्चों से होता है भेदभाव 
वहीं, डिजिटल माध्यम से लगभग 5 लाख छात्रों को मुफ्त में कोचिंग देने वाले विनय तिवारी ने कोटा में कोचिंग संस्थानों की मनमानी को लेकर कई सवाल उठाए हैं. विनय साल 2013-14 में कोटा के ही एक कोचिंग संस्थान में तैयारी करते थे. वह खुद भी अन्य छात्रों की तरह डिप्रेशन और स्ट्रेस से जूझ चुके हैं. उन्होंने बताया कि, "2013-14 में, मैं कोटा में कोचिंग लेने वालों में से एक था. वहां की स्थिति बहुत खराब थी. छात्रों से उनके प्रदर्शन के आधार पर भेदभाव किया जाता था. जो पढ़ाई में अच्छे थे उन्हें सबसे अच्छे शिक्षक और सबसे अच्छा बैच दिया जाता था. जबकि जो पढ़ाई में खराब थे, उन्हें नीचे या एवरेज बैचों में प्रवेश दिया जाता था. 

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उनमें से कुछ ऐसे छात्र थे, जो आर्थिक परेशानियों का सामना करने के बाद कोटा आए थे. उनके माता-पिता ने उच्च ब्याज दरों पर लोगों से उधार लेकर उन्हें पढ़ने भेजा था. ऐसे में माता-पिता भी अच्छे अंक लाने के लिए अपने बच्चों पर दबाव डालते थे. यही वजह है कि कोटा में पढ़ाई के दौरान ऐसे छात्र भावनात्मक और वित्तीय दबाव में कमजोर पड़ जाते हैं और ऐसे कदम उठा लेते हैं. 

250 रुपये के नोट्स का ढाई लाख रुपये ले रहे संस्थान
विनय ने बताया कि "सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) और IIT-JEE का पाठ्यक्रम NCERT की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित होना चाहिए, जो 250 रुपये में उपलब्ध हैं. अब, ये कोचिंग इतना फीस क्यों लेती हैं. यह बड़ा सवाल है. उन्होंने आगे बताया कि "लगभग सभी कोचिंग में 7-8 महीने के समय के लिए 1.5 लाख रुपये की फीस होती है. छात्र अपने हॉस्टल की फीस और भोजन पर लगभग 2 लाख रुपये खर्च करते हैं. हालांकि, 3.5 से 4 लाख खर्च करने के बाद भी, पास प्रतिशत सिर्फ 1-2 प्रतिशत है”. उन्होंने कहा, "सिर्फ 20,000 से 30,000 छात्र प्रवेश परीक्षा पास करते हैं जबकि अन्य खुद को असफल मानते हैं."

शासन-प्रशासन पर उठाए सवाल 
विनय ने आगे कहा कि एनसीईआरटी की किताबों से बने 250 रुपये के नोटों के लिए कोचिंग संस्थान 2.5 लाख रुपये क्यों लेते हैं? उन्होंने सवाल उठाया कि किसी भी अधिकारी ने आज तक यह जांच क्यों नहीं की कि कोटा के कोचिंग सेंटर छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर उनके साथ भेदभाव कर रहे हैं. उन्हें टॉप-ग्रेड और नीचे-ग्रेड बैच में अलग-अलग क्यों डाल रहे हैं. 

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11 दिसंबर को तीन छात्रों ने की थी आत्महत्या 
गौरतलब है कि इससे पहले 11 दिसंबर को तीन छात्रों ने आत्महत्या की थी. इनमें से दो एक ही हॉस्टल के थे. आत्महत्या करने वाले दो छात्र नीट की तैयारी कर रहे थे जबकि एक छात्र आईआईटी की तैयारी कर रहा था. इनमें से दो छात्र बिहार और एक छात्र मध्य प्रदेश का रहने वाला था. इस घटना के तुरंत बाद, एक दिशानिर्देश तैयार किया गया और कोचिंग संस्थानों को इसे लागू करने के लिए कहा गया. हालांकि, एक अनिकेत की आत्महत्या ने कोटा में शिक्षा व्यवस्था की खामियों पर कई सवाल खड़े कर दिए. 

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