सरकार ने जो करीब 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज पिछले साल दिया था, उसका कुछ खास असर इस वर्ग को नहीं हुआ. इस लिहाज से यह कहा जा सकता है इस बार शायद सरकार मिडिल क्लास को कुछ राहत दे सकती है.
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नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार 7वीं बार बजट पेश करेगी. सरकार का फोकस मध्यम परिवार को खुश करने पर भी हो सकता है. पिछले साल बजट के ठीक बाद कोरोना महामारी ने सबसे ज्यादा नुकसान इसी वर्ग से आने वाले लोगों का ही किया.
कोरोना संकट से नौकरियां चले जाने या सैलरी कटौती से मध्यम वर्ग काफी परेशान हुआ है. सरकार ने जो करीब 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज पिछले साल दिया था, उसका कुछ खास असर इस वर्ग को नहीं हुआ. इस लिहाज से यह कहा जा सकता है इस बार शायद सरकार मिडिल क्लास को कुछ राहत दे सकती है.
5 लाख रुपये की इनकम हो टैक्सफ्री
सबसे ज्यादा आस मिडिल क्लास इनकम ग्रुप वाले लगाए बैठे हैं. पिछले कई साल से बेसिक टैक्स छूट सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने की मांग उठ रही है. मोदी सरकार ने 2019-20 के बजट में 2.5 से 5 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए 12,500 रुपये की विशेष छूट देकर 5 लाख तक की आय को करमुक्त करने की कोशिश की थी, लेकिन अब इसे स्थायी रूप से 5 लाख तक की आय को करमुक्त करने की मांग की जा रही है.
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सैलरी वाले लोगों की तरफ से एक मांग यह भी उठ रही है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाया जाए. अभी तक ऐसा डिडक्शन 50 हजार रुपये तक का मिलता है. इसे बढ़ाकर कम से कम 75,000 रुपये करने की भी मांग है. जानकारों की माने तो कोरोना संकट और लोगों की नौकरी चले जाने के कारण लोगों ने काफी मुश्किलों का सामना किया है. महंगाई की वजह से इलाज के खर्चे काफी बढ़ गए हैं. इसलिए उन्हें इस बजट में राहत की उम्मीद है. वहीं आयकर की धारा 80C के तहत मिलने वाली छूट को बढ़ाकर 1.5 से 3 लाख रुपये तक करने की मांग की जा रही है.
होम लोन पर अतिरिक्त टैक्स राहत की उम्मीद
इस बजट में होम लोन पर मिलने वाले टैक्स छूट का दायरा बढ़ सकता है. आयकर की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की सीमा में होम लोन का मूलधन आता है. इसे शायद बढ़ाया जा सकता है. इसी तरह धारा 24 बी के तहत 2 लाख रुपये के ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है, इसके भी बढ़ाए जाने की उम्मीद मिडिल वर्ग को है.
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हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट की उम्मीद
कोरोना महामारी के दौर में लोगों ने हेल्थ इंश्योरेंस पर अपनी कमाई का एक हिस्सा खर्च किया है. कंपनिया कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस या ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा देती हैं. आयकर की धारा 80D में किसी व्यक्ति के अपने और परिवार के लिए 50 हजार रुपये तक के प्रीमियम को टैक्स फ्री रखा जाता है. अगर पैरेंट सीनियर सिटीजन हैं तो 75 हजार और अगर परिवार के सभी सदस्य सीनियर सिटीजन हैं तो यह छूट 1 लाख तक मिलती है.
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हेल्थ कवर प्रीमियम पर छूट का दायरा बढ़ सकता है
कोरोना की वजह से हेल्थ प्रीमियम का खर्च ज्यादातर परिवारों पर बढ़ा है. इसलिए ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि बजट में 80 D के तहत बीमा प्रीमियम की छूट को 50 से बढ़ाकर 75 हजार किया जा सकता है. क्योंकि इसकी मांग तेजी से उठी है.
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हो सकता है कोविड सेस का ऐलान
वहीं जानकारों की मानें तो कोरोना महामारी के बाद शायद सरकार कोविड सेस का भी ऐलान कर सकती है. इसके तहत टीकों और स्वास्थ्य के बारे में जो सुधार के उपाय किए जाएंगे, उसका मध्यम वर्ग को फायदा होगा. नए अस्पतालों की स्थापना का ऐलान मोदी सरकार अपने इस बजट में कर सकती है.
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