कोरोना काल में हम सभी ने ऑक्सीजन के किल्लत की न जानें कितनी खबरें देखी होंगी. ऑक्सीजन का महत्व समझने में हमें थोड़ा समय लगा, लेकिन अब हम समझ गए हैं. इसी के मद्देनजर हरिद्वार में एक अनोखी पहल की जा रही है....
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हरिद्वार: हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण शहरी क्षेत्र में एक अनोखी पहल करने जा रहा है. धर्मनगरी में दो किलोमीटर तक का मार्ग ऑक्सीजन लेन के तौर पर डेवलप किया जाएगा. प्राधिकरण का प्रयास यह है कि हरिद्वार में ऑक्सीजन लेवल को लगातार बनाए रखा जाए. एचआरडीए के सचिव ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि इसी जून के आखिर में जब बरसात का मौसम शुरू होगा. इस समय पौधों को लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
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शुरू की गई कवायद
हाल ही में एचआरडीए सचिव का पद संभालने वाले ललित नारायण मिश्रा प्रदेश के उन अधिकारियों में गिने जाते हैं, जो कुछ नया करने में यकीन रखते हैं. बीते दिनों जब राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत हरिद्वार दौरे पर आए, तो उन्होंने ऑक्सीजन पथ के प्लान को लेकर सीएम से बात की. चूंकि यह प्लान कुछ अल्फा तरह का था, लिहाज़ा सीएम ने भी इसका महत्व समझते हुए ऑक्सीजन पथ को मंजूरी दे दी. हरिद्वार के जटवाड़ा पुल से लेकर सिंह द्वार तक दो किलोमीटर का ऑक्सीजन लेन बनाया जाएगा. इसमें स्थानीय लोगों को भी जोड़ा जाएगा. एचआरडीए सचिव ने बताया प्लानिंग पूरी कर ली गई है. इसे जल्द ही धरातल पर उतारा जाएगा.
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ऑक्सीजन वाली लेन
दो किलोमीटर के इस ऑक्सीजन लेन में पीपल, बरगद, नीम के साथ अधिक ऑक्सीजन उत्सर्जन करने वाले पौधे लगाए जाएंगे. इसमें अहम यह है कि एचआरडीए इस पथ में उन लोगों को भी जोड़ेगा जो वॉक करने के लिए इस लेन का इस्तेमाल करेंगे. सचिव एचआरडीए ने बताया इसी माह के आखिर में जैसे ही बरसात का सिलसिला शुरू होगा, पौधों को लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. हर पौधे के लिए एक-एक व्यक्ति की जिम्मेदारी तय की जाएगी. बता दें कि यह राज्य का पहला ऐसा पथ होगा जिसे ऑक्सीजन लेन के नाम से जाना जाएगा. प्राधिकरण इस लेन को लेकर स्थानीय लोगों से बातचीत कर रहा है. लोगों से यह भी जानने का प्रयास किया जा रहा है कि कैसे इसे और बेहतर बनाया जा सकता है.
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