Atique Ahmed: बेटे की मौत पर बौखलाया अतीक बोला- मुझे बाहर आने दो फिर...,12 घंटे की पूछताछ में माफिया ने उगले अहम राज
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Atique Ahmed: बेटे की मौत पर बौखलाया अतीक बोला- मुझे बाहर आने दो फिर...,12 घंटे की पूछताछ में माफिया ने उगले अहम राज

Atiq Ahmad in UP Police Custody: माफिया अतीक अहमद को यूपी पुलिस की कस्टडी में भेजा गया है. कोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद गुरुवार शाम को प्रयागराज पुलिस ने अतीक और अशरफ की कस्टडी ली. इसके बाद दोनों भाइयों को धूमनगंज थाने में ले जाकर पूछताछ की गई. इस दौरान अतीक और अशरफ ने कई अहम खुलासे किए हैं.

dhoomanganj thana Police investigate atique ahmed and Ashraf

Umesh Pal Murder: उमेश पाल मर्डर मामले में माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पुलिस कस्टडी में ले लिया गया है. देर रात प्रयागराज पुलिस टीम नैनी सेंट्रल जेल से दोनों भाइयों को लेकर धूमनगंज थाने में पहुंची. यहां रात भर दोनों भाइयों से पूछताछ हुई है. अतीक और अशरफ से 12 घंटे हुई पूछताछ की पूरी कहानी ज़ी मीडिया के पास है. अशरफ और अतीक से अलग-अलग कमरों में पूछताछ हुई. सबसे पहले अतीक से पूछताछ की गई, जिसमें उसके बेटे असद को लेकर सवाल किया गया. ऐसे में हम आपको बारी-बारी से बताते हैं माफिया ब्रदर्स को किन सवालों का सामना करना पड़ा. 

अतीक अहमद से पूछे गए सवाल और जवाब 

पहला सवाल- उमेश पाल हत्याकांड मामले में तुम्हारे बेटे को मारा गया है क्या तुम्हें जानकारी है? 
अतीक का जवाब  (मूछों पर ताव देते हुए)- जिस अधिकारी ने मारा है. जिन पुलिसकर्मियों ने मारा है. बस मुझे छूटने दीजिए फिर बताता हूं कि गद्दी क्या चीज है.

दूसरा सवाल- उमेश पाल हत्याकांड मामले में तुम्हारा क्या रोल है? 
जवाब- अब तो मेरे बेटे को उसी में मार दिया तब क्या रोल पूछ रहे हो. अगर मेरा कोई रोल होता तो मैं पहले ही नहीं मरवा देता, जब उसने मुझ से गद्दारी की थी.

तीसरा सवाल- पहले कब मरवाने वाले थे? 
जवाब- 2016 में मैंने केवल सोचा था. उस वक्त एक नेता ने मेरी बात उमेश पाल से करवाई थी, लेकिन बात बन नहीं पाई और उसी वक्त मैंने मारने की सोची थी. लेकिन हालात बदल जाने के बाद मैंने उसे छोड़ दिया. 

चौथा सवाल- असद मौके पर कैसे पहुंचा? 
जवाब- मुझे कैसे पता चलेगा मैं तो साबरमती जेल में था और अशरफ बरेली में. अब तो जेल में बात करने की भी मनाही है. 

पांचवा सवाल- गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और सभी तुम्हारे शूटर असद के साथ कैसे पहुंच गए? 
जवाब- किसी ने मुझे बताया है कि असद का वीडियो आया है. जिसमें वह गन लोड कर रहा है. जबकि उसको गन चलाना आता ही नहीं, तब वह कैसे इस घटना को अंजाम दे सकता है. गुड्डू गुलाम कैसे वहां पर गए थे यह उनका व्यक्तिगत मामला हो सकता है. कुछ हुआ होगा उमेश पाल से गुड्डू और गुलाम का झगड़ा. 

छठा सवाल- शाइस्ता कहां पर है? 
जवाब- मुझे नहीं पता है कई बार बोल चुका हूं कि मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. 

सातवां सवाल- इस घटना को करने के लिए पैसे कहां से आए? 
जवाब- जब घटना करवाया ही नहीं तो पैसे क्यों दूंगा. 

आठवां सवाल- क्या कुछ नेता तुम्हारी मदद कर रहे हैं? 
जवाब- मैं सांसद रहा हूं. बहुत नेताओं से संबंध है. मैं सबसे संबंध निभाता हूं, सभी को मेरी जरूरत पड़ती है. 

नौवां सवाल- क्या तुमने उमेश पाल को बयान बदलने के लिए दोबारा से नहीं कहा था? 
जवाब- एक बार नहीं कम से कम 1000 बार. उमेश पाल के पास संदेशा भिजवाया कि अपना बयान बदल दो, गवाही मत दो. 

10वां सवाल- तो तुम्हें पूरी घटना की जानकारी थी? 
जवाब- हां, मुझे किसी ने साबरमती जेल में यह बताया था कि तुम्हारा दुश्मन मारा गया. 

11वां सवाल- क्या जेल से तुम आईफोन से बात नहीं करते थे?  
जवाब- मैं कोई भी फोन कैसे इस्तेमाल कर सकता हूं. जेल में सब मना है. 

12वां सवाल- क्या गुड्डू मुस्लिम ने तुमसे हत्या से पहले जेल में मुलाकात नहीं की थी? 
जवाब- गुड्डू से मेरी मुलाकात 2009 के बाद नहीं हुई. वो बिहार के एक बड़े नेता के साथ काम करता था. 

अशरफ से पूछे गए ये 12 सवाल 

पहला सवाल- अशरफ उमेश पाल हत्याकांड मामले में तुम्हारा और अतीक का सीधा-सीधा लेनादेना है. इसके सबूत हमारे पास है. 
अशरफ का जवाब- तो क्या करूं मैं. कई बार बोल चुका हूं कि मेरा और भाईजान का कोई हाथ नहीं है इस मामले में. 

दूसरा सवाल- तो फिर तुमने घटना के 4 घंटे पहले गुलाम और साबिर को क्यों फोन किया था? 
जवाब- फोन मैंने नहीं किया था. उन दोनों के फोन जेल में खाना पहुंचाने वाले के पास आया था और उसी वक्त उसने हमसे दोनों की बात कराई थी, लेकिन उस वक्त उमेश पाल का कोई मामला नहीं था. वह मेरठ के एक पुराने मामले के सिलसिले में बात करना चाहते थे. वह मामला 2008 का था. 

तीसरा सवाल- हरियाणा के गद्दी समुदाय के लोग भी तुमको इस हत्याकांड के लिए पैसा देने आए थे? 
जवाब- आए जरूर थे दौलत खान, जहांगीर लेकिन पैसा देने नहीं केवल हाल चाल लेने. 

चौथा सवाल- असद घटनास्थल पर कैसे पहुंचा? 
जवाब- मरवा तो दिया तुम लोगों ने, पहले पासपोर्ट नहीं बनने दिया, अब मरवा दिया. घटनास्थल पर वही था कैसे कह सकते हो तुम. 

पांचवा सवाल- क्या अतीक से तुम्हारी जेल में बंद रहते हुए बातचीत नहीं हुई? 
जवाब- नहीं कभी नहीं. पहली बार बातचीत कोर्ट में जाकर हुई उमेश पाल अपरहण वाले में. 

छठवां सवाल- क्या उमेश पाल मर्डर का प्लान तुम्हारे जीजा अखलाक और परिवार के करीब 13 लोगों को पहले से पता था? 
जवाब- मैंने बताया ना कि मुझे इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी. उमेश पाल जैसे खटमल को मारने के लिए हमें प्लानिंग की जरूरत नहीं पड़ती. 

सांतवा सवाल- क्या उमेश पाल से इधर भी तुम्हारी बातचीत हुई थी? 
जवाब- हां एक मीडिएट ने उमेश पाल से मेरी बात कराई थी. जब मैं पीसी के लिए गया था, उसी वक्त मैंने कहा था कि पैसे लेकर मामले को रफा-दफा कर दो. अब कोई खून खराबा नहीं चाहता हूं. 

आठवां सवाल- कौन है वह मीडिएटर? 
जवाब- मैं अगर उसका नाम बताऊंगा तो तुम लोग उसका भी एनकाउंटर कर दोगे. 

नौवां सवाल- हथियार तुम लोगों कहां से मिले? 
जवाब- तुम लोग से ज्यादा हथियार हमारी सरपरस्ती में लोगों को हम लोगों ने दिए हैं. हम लोगों को हथियार की कभी कमी ना थी ना है और ना रहेगी. इस गलतफहमी में बिल्कुल मत रहना. 

10वां सवाल- सच बताओ वरना हम तुम्हें वह सबूत दिखाएंगे, जिसमें यह साफ हो रहा है कि तुम ही इस पूरी घटना के मास्टरमाइंड हो 
जवाब- अगर तुम लोगों के पास कोई सबूत होता, तो अभी तक हमें और भाई जान को मार दिए होते. यूं जेल-जेल नहीं टहलाते. 

11वां सवाल नंबर- तुम्हारी पत्नी जैनब कहां है? 
जवाब --शायद तुम्हें पता नहीं है कि मेरी पत्नी पढ़ी लिखी है. उसका इस पूरे मामले से कोई लेना-देना नहीं है

12वां सवाल- अतीक ने किस नेता को तुम्हारे पास मिलने के लिए जेल भेजा था? 
जवाब-आप लोग को बहुत अच्छे से पता है कि वह नेता कौन है. अब मैं अपने मुंह से आपको नाम नहीं बता सकता क्योंकि हम राजनीति करने वाले परिवार से हैं. तुम लोगों ने उस राजनीति को भी खत्म कर दिया. 

विवेचक ने 50 पन्नों पर ऐसे ही कुल ढाई सौ सवाल लिखे हैं. जिसके जवाब के लिए अतीक और अशरफ की पूछताछ लगातार जारी है. 

लॉकअप में गर्मी और मच्‍छर से परेशान दिखा अतीक 
वहीं, अतीक अहमद को धूमनगंज थाने के लॉकअप में रखा गया है. लॉकअप में माफिया अतीक गर्मी और मच्छर से परेशान है. पुलिसकर्मियों से गर्मी से निजात दिलाने की गुहार लगाई है. माफिया अतीक और अशरफ विवेचक से गिड़गिड़ाते हुए गर्मी से निजात दिलाने की गुहार लगाई. दोनों ने मच्छर से बचने के लिए लाकअप में मच्‍छर भगाने की क्‍वायल लगाने की मांग की. पुलिसकर्मियों ने फिलहाल सुरक्षा कारणों से इनकार कर दिया. 

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