पीएम मोदी से प्रेरित महिला उतरी प्रधानी चुनाव में, बोली- चायवाला प्रधानमंत्री तो चायवाली प्रधान क्यों नहीं?
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पीएम मोदी से प्रेरित महिला उतरी प्रधानी चुनाव में, बोली- चायवाला प्रधानमंत्री तो चायवाली प्रधान क्यों नहीं?

मीनाक्षी तीन बच्चों की मां हैं. 2015 में उन्हें गांववालों ने ग्राम पंचायत सदस्य के लिए चुना था. अब वे चाहते हैं कि मीनाक्षी प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ें...

पीएम मोदी से प्रेरित महिला उतरी प्रधानी चुनाव में, बोली- चायवाला प्रधानमंत्री तो चायवाली प्रधान क्यों नहीं?

मुजफ्फरनगर: पीएम मोदी ने संघर्षों के बीच अपना रास्ता कैसे बनाया इससे पूरा देश वाकिफ है. और आज वह भारत को भी हर मुसीबत से लड़कर आगे बढ़ा रहे हैं. साल 2014 में, जब भी लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष उनपर सवाल उठाता था तो पीएम मोदी विपक्ष को घेरकर यही पूछते थे कि एक चायवाला देश का प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकता? इसके बाद चुनाव हुए और देश ने ही इसका जवाब देकर इतिहास रच दिया. 2019 में भी यह इतिहास दोहराया गया और पीएम मोदी को दोबारा उतना ही प्यार मिला.

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पीएम से प्रेरित होकर महिला उतरी प्रधानी में
पीएम मोदी की सफलता की कहानियां हर व्यक्ति को प्रेरित करती हैं. कैसे वह एक चाय की दुकान पर काम कर, संघर्ष कर, 4 बार गुजरात के सीएम बने और फिर बहुमत से देश के पीएम भी. ऐसे में यूपी पंचायत चुनाव के प्रत्याशी भी पीएम मोदी की सक्सेस स्टोरी से सीख ले रहे हैं और उनसे प्रेरित होकर चुनाव में उतर रहे हैं.

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ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मिली चाय की दुकान
यूपी के मुजफ्फरनगर में होने वाले पंचायत चुनाव में एक महिला प्रधानी के लिए उतर रही हैं. 35 साल की मीनाक्षी मेरठ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं और उनके पति एक स्थानीय मजदूर हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना की मदद से मीनाक्षी एक चाय की दुकान से कमाई करती हैं. पिछले 3 साल से वह चाय बनाती बेचती हैं और उसी से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही हैं. 

 

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अब चायवाली बनेगी ग्राम प्रधान
मुजफ्फरनगर के गांव चोरावाला में 7000 मतदाता हैं और यह सीट SC के लिए रिजर्व्ड है. मीनाक्षी यहीं से चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही हैं. मीनाक्षी का कहना है कि उन्हें पीएम मोदी से प्रेरणा मिली है. वह भी चाय का कारोबार कर रही हैं और पीएम मोदी भी एक समय में चाय बेचते थे. मीनाक्षी कहती हैं कि पीएम मोदी प्रधानमंत्री बन सकते हैं तो वह गांव की प्रधान क्यों नहीं बन सकतीं? उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं है, लेकिन पूरा गांव उनके साथ है.

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गांववाले चाहते हैं मीनाक्षी लड़ें प्रधान का चुनाव
तीन बच्चों की मां मीनाक्षी को 2015 में ग्राम पंचायत सदस्य के लिए चुना गया था. अब उनके गांववाले चाहते हैं कि वह प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ें. मीनाक्षी को पूरा भरोसा है कि वह इस बार प्रधान की कुर्सी पर बैठेंगी. वह अपने गांव का विकास करना चाहती हैं. बता दें, मुजफ्फरनगर में दूसरे चरण में इलेक्शन होने वाले हैं. पहला चरण 15 अप्रैल को है और दूसरा 19 अप्रैल को. वोटों की गिनती 2 मई को होगी.

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