सवाल ये है कि जहर एक्सपायर क्या जहर का असर खत्म हो जाता है या कम हो जाता है? तो इसका जवाब ये है कि इसके लिए आपको जहर की बोतल पर लिखे केमिकल कंपाउंड्स के नाम देखने पड़ेंगे और फिर...
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नई दिल्ली: एक सवाल सालों से हमारे दिमाग में चलता आ रहा है. क्या जहर की कोई एक्सायरी डेट होती है? अगर होती भी है तो एक्सपायर होने के बाद वह कम जहरीला हो जाता है या और ज्यादा जहरीला? ये सवाल तो मजाक-मजाक में सब एक-दूसरे से पूछ लेते हैं और शायद मजाक में ही टाल भी देते हैं. क्योंकि जवाब ज्यादातर लोगों को नहीं पता.
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दवा के साथ भी ऐसा ही होता है
अब आप सोचिए जब भी हम दवा खरीदते हैं तो उसकी एक्सपायरी डेट भी चेक करते हैं, क्यों? क्योंकि अगर दवा की सही तारीख निकल गई है, तो या तो उसका असर खत्म हो चुका होगा या फिर वह शरीर को दूसरी तरह से नुकसान पहुंचा सकती है. क्या ऐसा ही जहर के साथ भी होता है?
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यहां जानें जहर के साइड-एफेक्ट
हम जहर की बात करें या दवा की. दोनों को बनाने का एक खास पैटर्न होता है. दोनों के इस्तेमाल में अलग-अलग केमिकल कंपाउंड्स का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे कई प्रकार की दवाइयां आपने देखी होंगी, वैसे ही जहर के भी कई प्रकार होते हैं. उनका इस्तेमाल भी अलग चीजों के लिए होता है. इसी हिसाब से उनकी एक्सपायरी डेट भी अलग होती है.
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केमिकल पर निर्भर करती है एक्सपायरी
दरअसल, जहर के एक्सपायर होने की तारीख डिपेंड करती है कि वह किन केमिकल्स से मिलकर बना है. मान लीजिए कोई केमिकल ऐसा है, जो एक विशेष समय अवधि के बाद इनएक्टिव हो जाता है, तो इसका असर जहर की एक्सपायरी डेट पर पड़ता है.
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एक्सपायर होने के बाद जहर का असर ज्यादा या कम
सवाल ये है कि जहर एक्सपायर क्या जहर का असर खत्म हो जाता है या कम हो जाता है? तो इसका जवाब ये है कि इसके लिए आपको जहर की बोतल पर लिखे केमिकल कंपाउंड्स के नाम देखने पड़ेंगे. अगर कोई रसायन ऐसा है जो निश्चित समय के बाद कम असरदार हो जाता है तो हो सकता है कि जहर का असर भी कम हो जाए. कभी-कभी उसी काम के लिए एक्सपायर्ड जहर की डोज बढ़ानी पड़ती है, जिस काम के लिए वही जहर कम लग सकता था. इसका मतलब ये कतई नहीं है कि जहर एक्सपायर होने के बाद निष्क्रिय हो जाता है.
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ज्यादा खतरनाक भी हो सकता है जहर?
जहर जिन रसायनों से मिलकर बना है, हो सकता है कि एक समय बाद वह अलग तरह से रिएक्ट करें. ऐसे में जहर का रिएक्ट करने का तरीका भी बदल सकता है. इसी के साथ वह दुष्प्रभाव की वजह से ज्यादा खतरनाक भी साबित हो सकता है. ऐसा भी हो सकता है कि जिस काम के लिए जहर बनाया गया हो वह उससे ज्यादा ही रिएक्ट कर जाए.
इसीलिए कहा जाता है कि केमिकल कंपाउंड्स पर ही डिपेंड करता है कि जहर कब और कैसे एक्सपायर होगा और आगे चलकर इसका क्या असर पड़ेगा?
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