10 साल में 25 हजार करोड़ रुपए खर्च कर, Summer Capital 'गैरसैंण' का होगा विकास
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10 साल में 25 हजार करोड़ रुपए खर्च कर, Summer Capital 'गैरसैंण' का होगा विकास

उत्तराखंड के 21वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के विकास के लिए 25 हजार करोड़ रुपये की सौगात दी. उन्होंने कहा कि अगले 10 साल में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप विकसित किया जाएगा.

 

21 वें राज्य स्थापना दिवस के मौके पर गैरसैंण में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.

देहरादून: ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के विकास के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने भविष्य का रोडमैप तैयार कर लिया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को गैरसैंण के विकास के लिए अगले 10 वर्षों में 25 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया है.

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इसी वर्ष रावत सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था और इसके बाद उन्होंने राज्य स्थापना दिवस की सालगिरह भी यहीं मनायी. बता दें कि 9 नवंबर, 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड का राज्य का गठन हुआ था. 

विकास के लिए किया जाएगा कमेटी का गठन  
21 वें राज्य स्थापना दिवस के मौके पर गैरसैंण पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी. ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के लिए हुई घोषणा सबसे महत्तवपूर्ण रही. गैरसैंण के विकास के लिए सीएम त्रिवेंद्र ने 25 हजार करोड़ का पिटारा खोल दिया.

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इतना ही नहीं विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई जाएगी. इस कमेटी में विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा, जो मास्टर प्लान के आधार पर विकास का रोड मैप तैयार करेंगे. 

विपक्ष से छीना एक बड़ा मुद्दा
अगले 10 सालों में ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 25 हजार करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य होंगे. गैरसैंण में स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं के विकास की दिशा में योजनाएं बनाई जाएंगी. बता दें कि कौशल विकास योजना के अंतर्गत सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की भी स्थापना की जाएगी.

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दरअसल, सीएम त्रिवेंद्र ने विपक्षी दलों के हाथ से गैरसैंण का मुद्दा झटक लिया है. जहां एक तरफ विपक्ष गैरसैंण को राजधानी के तौर पर घोषित करने की हिम्मत नहीं जुटा सका, वहीं सीएम त्रिवेंद्र ने इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए ग्रीष्मकालीन राजधानी को संवारने के लिए अपना मास्टरप्लान भी तैयार कर लिया है.

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