योगी सरकार के दो महीने पूरे, कानून-व्यवस्था बनी बड़ी चुनौती
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योगी सरकार के दो महीने पूरे, कानून-व्यवस्था बनी बड़ी चुनौती

कानून-व्यवस्था के नाम पर पूर्ववर्ती सरकार को घेरकर करीब दो महीने पहले नये तेवर के साथ सत्ता में आयी योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने यही मुद्दा सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है.

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पूरे किये 2 महीने.

लखनऊ : कानून-व्यवस्था के नाम पर पूर्ववर्ती सरकार को घेरकर करीब दो महीने पहले नये तेवर के साथ सत्ता में आयी योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने यही मुद्दा सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है.

योगी आदित्यनाथ सरकार अपने शुरुआती 100 दिनों के कार्यकाल का ‘रिपोर्ट कार्ड’ अगले महीने के अंत में जारी करेंगे और राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार मुख्यमंत्री इस दस्तावेज को अपनी सरकार का कामयाबीनामा बनाना चाहेंगे. मगर इसके लिए चुनौती काफी बड़ी है. प्रदेश भाजपा का कहना है कि योगी सरकार बनने के बाद से प्रदेश की तस्वीर में बदलाव शुरू हो चुका है. गुंडागर्दी खत्म हो रही है और अपराध का ग्राफ गिर रहा है. सरकार में जनता का विश्वास बहाल हो रहा है. 

मगर सहारनपुर में जातीय संघर्ष, बुलन्दशहर, सम्भल और गोंडा में हाल में हुई साम्प्रदायिक घटनाओं ने सरकार के लिये चिंता खड़ी कर दी है. ज्यादा चिंता की बात यह है कि इन वारदातों में भाजपा और तथाकथित हिन्दूवादी संगठनों के लोगों की संलिप्तता के आरोप लगे हैं. मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी समेत तमाम विपक्षी दल उस भाजपा सरकार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर घेर रहे हैं, जो इसी मसले पर पूर्ववर्ती सपा सरकार की आलोचना करके सत्ता में आयी है.

बुलंदशहर में एक लड़की को साथ ले जाने की घटना में अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति की हत्या मामले में योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा है. हालांकि योगी वाहिनी सदस्यों को कानून हाथ में ना लेने के लिये चेतावनी दे चुके हैं. सहारनपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से क्षेत्रीय सांसद राघव लखनपाल शर्मा की अगुवाई में एसएसपी के घर पर हमला किया. इस मामले में विपक्ष सांसद की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है.

प्रदेश में अपराध का ग्राफ चढ़ने से चिन्तित मुख्यमंत्री योगी ने एक विशेष प्रकोष्ठ गठित करने का फैसला किया जिसकी निगरानी योगी खुद करेंगे. हालांकि योगी ने मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश की नौकरशाही को सुधारने का कड़ा संदेश दिया था. मंत्री और अधिकारी अब 10 बजे से पहले ही दफ्तर पहुंच रहे हैं. करीब एक महीने के दौरान योगी ने विभिन्न विभागों की समीक्षा के लिये करीब 80 प्रस्तुतीकरण देखकर आवश्यक निर्देश दिये हैं.

अपने कार्यकाल के शुरआती करीब दो महीनों में योगी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। उनमें किसानों की 36 हजार 500 करोड़ रपये की कर्जमाफी भी शामिल है. योगी सरकार ने केन्द्र के साथ ‘पॉवर फॉर ऑल’ समझौते पर दस्तखत किये और जिला मुख्यालयों को 24 घंटे तथा गांवों को 18 घंटे बिजली देने का फैसला किया.

भाजपा के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक का दावा है कि योगी ने अपने 50 दिन के शुरुआती कार्यकाल में जितना काम कर दिया है, उतना तो पूर्व के मुख्यमंत्री एक साल में नहीं कर पाते थे. उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को अंधेरे में धकेल दिया था. उसने केवल कुछ वीआईपी जिलों को ही बिजली दी, बाकी इलाकों की उपेक्षा की.

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