चंदौली का काला चावल बना रहा अंतरराष्ट्रीय पहचान, UNDP ने की सराहना
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चंदौली का काला चावल बना रहा अंतरराष्ट्रीय पहचान, UNDP ने की सराहना

जनपद में काला धान की खेती एवं काला चावल के निर्यात से किसानों की आय में वृद्धि को प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री द्वारा सराहा गया है. यूएनडीपी ने ब्लैक राइस की खेती को लेकर चंदौली के किसानो की तारीफ भी की है. 

चंदौली का काला चावल बना रहा अंतरराष्ट्रीय पहचान, UNDP ने की सराहना

चंदौली:  यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) ने आकांक्षात्मक जनपदों में नीति आयोग के विभिन्न पैरामीटर्स पर 2018 से 2020 तक विभिन आयामों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते जनपद चन्दौली को शीर्ष द्वितीय स्थान मिला है.  जनपद के शुगर फ्री ब्लैक राइस की एशिया ही नहीं अब ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में भी चर्चा होने लगी है. चंदौली का शुगर फ्री ब्लैक राइस अब एशिया और ऑस्ट्रलिया सप्लाई होने लगा है. जिलाधिकारी ने बताया कि कृषि क्षेत्र में नवाचार के अंतर्गत जनपद में काला धान की खेती एवं काला चावल के निर्यात से किसानों की आय में वृद्धि को प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री द्वारा सराहा गया है. यूएनडीपी ने ब्लैक राइस की खेती को लेकर चंदौली के किसानो की तारीफ भी की है. इसी कारण चंदौली जनपद को दूसरी रैंकिंग भी मिली है.

किसानों की आय वृद्धि करने में और काला चावल के उत्पादन को और बेहतर ढंग से लोगों के सामने रखने और देश विदेश में पहुंचाने के क्रम में वर्तमान जिला अधिकारी संजीव सिंह भी काफी प्रयास और मेहनत कर रहे हैं और उनकी मेहनत और प्रयास से आज चंदौली जनपद को आकांक्षात्मक जनपदों में द्वितीय स्थान मिला है और अंतरराष्ट्रीय संस्था यूएनडीपी द्वारा काले चावल की खेती की सराहना भी की गई है. यही नहीं अब शुगर फ्री कला चावल एशिया और यूरोप भी जा रहा है.

चंदौली जनपद काला चावल का सफर की शुरुआत
दरसअल, मणिपुर राज्य से 2018 जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने अपने प्रयास से शुगर फ्री ब्लैक राइस का सैंपल बीज मंगाया और प्रयोग के तौर पर जनपद के महज 30 किसानों से शुगर फ्री ब्लैक राइस की खेती कृषि विभाग के माध्यम से करवाई. ये प्रयोग सफल रहा और कम लागत में अच्छा उत्पादन देखने को मिला. 2019 में जनपद में एक हजार से अधिक किसानों ने शुगर फ्री ब्लैक राइस का उत्पादन किया है और इसकी बंपर फसल भी हुई है.  वहीं अन्य चावल की किस्म के उत्पादन से शुगर फ्री ब्लैक उत्पादन में किसानों का लागत भी कम आया. वही शुगर फ्री ब्लैक राइस के औषधि गुणों को देखते हुए किसानों में अब उनकी किस्मत बदलने की उम्मीद भी जग गई है.

04 दिसम्बर 2018 में पहली बार किया गया उत्पादन 
2018 में पहली बार उत्पादन किए जा रहे हैं शुगर फिर ब्लैक राइस को जानने और समझने के लिए इंटरनेशनल राइस रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों की टीम को भी तत्कालीन डीएम ने बुलाया था. ताकि इस चावल के औषधीय गुणों के बारे में और जानकारी इकट्ठी की जाए और इसे पेटेंट करा कर वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के तहत चंदौली जिले को देश विदेश में स्थापित किया जा सके.

खेतों में शुगर फ्री ब्लैक राइस तैयार होने के बाद अधिकारी नवनीत सिंह चहल के निवेदन पर इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट की वाराणसी हेड और फिलीपींस की डॉक्टर अहमद जरीना के नेतृत्व में एक टीम ने सदर तहसील के डिघवट गांव का दौरा किया और खेतों में खड़ी शुगर फिर ब्लैक राइस का निरीक्षण किया. साथ ही उसके उत्पादन प्रक्रिया के बारे में जिलाधिकारी से विस्तृत जानकारी ली.

सीएम योगी ले चुके हैं जानकारी 
आपको बता दें कि, 13 सितंबर 2018 को सीएम योगी के चंदौली दौरे के दौरान शुगर फ्री ब्लैक राइस के बारे में डीएम नवनीत सिंह चहल ने सीएम योगी को जानकारी दी थी. सीएम योगी ने डीएम चंदौली को शुगर फ्री ब्लैक राइस के उत्पादन और बिक्री के लिए कार्य योजना बनाकर शासन को भेजने का निर्देश भी दिया था. ताकि ब्लैक राइस को वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के तहत स्थापित किया जा सके और धान का कटोरा कहे जाने वाले जनपद चंदौली का नाम सही अर्थ में साबित हो सके. डीएम के इस प्रयास से देश के अति पिछड़े जनपदों में शामिल चंदौली जनपद के किसानों के आय को दुगुना करने में महत्वपूर्ण सहयोग मिलेगा.

पीएम मोदी कर चुके हैं तारीफ 
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चंदौली के धानापुर में चुनावी सभा के दौरान पीएम मोदी ने शुगर फ्री ब्लैक राइस की तारीफ की थी. पीएम मोदी ने कहा था कि चंदौली सहित पूर्वांचल का ये क्षेत्र धान के लिए मशहूर है . यहां के शुगर  फ्री चावल की बड़ी चर्चा रही है.

शुगर फ्री ब्लैक राइस के फायदे 
आपको जानकर हैरानी होगी शुगर फ्री ब्लैक राइस लगभग अठारह सौ रूपये किलो मार्केट में बेची जा सकती है और इसके औषधीय गुणों के कारण लोग इसे पसंद करते हैं. रोग प्रतिरोधक क्षमता होने के साथ  इस अनोखे चावल में और भी कई गुण मौजूद हैं. हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, अर्थराइटिस एलर्जी के साथ कैंसर जैसे रोगों में लड़ने में यह शुगर की ब्लैक राइस काफी सहायक है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट ज्यादा होता है.

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