उन्नाव गैंगरेप मामला: कुलदीप सेंगर पर हाईकोर्ट की योगी सरकार को फटकार, आज सुनाएगी फैसला
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उन्नाव गैंगरेप मामला: कुलदीप सेंगर पर हाईकोर्ट की योगी सरकार को फटकार, आज सुनाएगी फैसला

उत्तर प्रदेश पुलिस ने आखिरकार सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर नाबालिग लड़की से उन्नाव में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किये जाने के सिलसिले में 12 अप्रैल को मामला दर्ज कर लिया.

भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर नाबालिग लड़की से रेप का आरोप है. (PTI/11 April, 2018)

लखनऊ/इलाहाबाद/नई दिल्ली: उन्नाव में नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार के मामले में लोगों में बढ़ते रोष के बीच इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद आरोपी विधायक को गिरफ्तार नहीं करने के लिये राज्य सरकार को फटकार लगाई. अदालत ने चेतावनी दी कि वह अपने आदेश में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा जाने का उल्लेख करने पर मजबूर होगी. नाबालिग के साथ बलात्कार और बाद में पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत की अदालत की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी के पत्र को याचिका मानकर सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश डी बी भोंसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की पीठ ने कहा कि वह आज शुक्रवार (13 अप्रैल) को इसपर अपना आदेश सुनाएगी. 

  1. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
  2. कांग्रेस कार्यकर्ता आरोपी सेंगर की गिरफ्तारी के लिए लखनऊ की सड़कों पर उतरे.
  3. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार को फटकारा.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने आखिरकार सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर नाबालिग लड़की से उन्नाव में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किये जाने के सिलसिले में 12 अप्रैल को मामला दर्ज कर लिया. साथ ही राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है. विधायक के खिलाफ यह मामला पीड़िता के अधिकारियों पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास करने और उसके एक दिन बाद पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत होने के कुछ दिन बाद दर्ज किया गया है.

इस बीच, राज्य के प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने कहा कि आरोपी भाजपा विधायक सेंगर की गिरफ्तारी के बारे में फैसला सीबीआई जांच के बाद मामले के गुण दोष के आधार पर करेगी. उन्नाव पुलिस ने 12 अप्रैल की सुबह सेंगर के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं और पॉक्सो अधिनियम के तहत माखी थाने में प्राथमिकी दर्ज की.

कोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार
मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के जवाब से नाराज अदालत ने कहा, ‘‘पुलिस एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता की तरफ से प्राथमिकी दर्ज करने को तैयार नहीं है. एसआईटी रिपोर्ट के बावजूद आप दोहरा रहे हैं कि हम आगे की जांच के बाद ही कोई कार्रवाई कर सकते हैं. अगर यह राज्य में पुलिस का आचरण है तो शिकायत दर्ज कराने के लिये पीड़िता किससे संपर्क करेगी. अगर यह रुख आप बार-बार अपना रहे हैं तो हम अपने आदेश में यह कहने को मजबूर होंगे कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है.’’

विधायक की गिरफ्तारी नहीं होने पर अदालत ने जताया कड़ा ऐतराज
अदालत ने विधायक की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने पर कड़ा एतराज जताया और राज्य सरकार से इस प्रकरण में अब तक की गई कार्रवाई के बारे में पूछा. राज्य सरकार की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता ने बताया कि मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई समेत तीन लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. इसपर अदालत ने महाधिवक्ता से पूछा कि क्या कुलदीप सिंह सेंगर को भी गिरफ्तार करने की आपकी योजना है. इसपर उन्होंने कहा कि इस बारे में वह कोई बयान देने की स्थिति में नहीं हैं और पुलिस शिकायतकर्ता और गवाहों का बयान दर्ज करने के बाद कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी. सेंगर भी बलात्कार के मामले में आरोपी हैं.

अदालत ने एसआईटी रिपोर्ट का उल्लेख किया और कहा कि एसआईटी रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की आरोपी को बचाने के लिये साठगांठ थी. इस रिपोर्ट के आधार पर जब उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है तो बलात्कार के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने के लिये आपको और जांच करने की क्यों आवश्यकता है.

इस बीच, सवालों के जवाब में प्रमुख सचिव (गृह) कुमार और पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने कहा कि मजिस्ट्रेट के समक्ष दिये बयान में पीड़िता ने विधायक का नाम नहीं लिया था, लेकिन अब पीड़िता और उसके परिवार वालों ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) से बताया है कि वे भयवश पहले ऐसा नहीं कर पाये थे. अब सेंगर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने इन बात से इंकार किया कि पुलिस विधायक को बचाने का प्रयास कर रही है. कुमार और सिंह ने कहा कि इसी वजह से मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गयी है.

सिंह ने कहा कि अब सीबीआई गुण दोष के आधार पर तय करेगी कि विधायक को गिरफ्तार किया जाए या नहीं. उन्होंने बताया कि सरकार ने पीडिता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला भी किया है. अधिकारियों ने बताया कि दो चिकित्सकों को निलंबित कर दिया गया है और तीन अन्य के खिलाफ पीड़िता के पिता को उचित चिकित्सा प्रदान करने में लापरवाही के लिये अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. कुछ पुलिसकर्मियों और ​डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही के लिए कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है. कुमार ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि पिछले साल चार जून की घटनाओं (कथित बलात्कार) के सिलसिले में मामला दर्ज करने के बाद इसे सीबीआई को हस्तांतरित किया जाए और चूंकि तीन अप्रैल (पीड़िता के पिता की पिटाई और मौत के सिलसिले में क्रॉस एफआईआर) से संबद्ध दो अन्य मामले भी इसी संबंध में हैं इसलिए ये सभी मामले सीबीआई को हस्तांतरित किये जाएं.

बसपा और कांग्रेस ने सरकार की नीयत पर उठाए सवाल
बलात्कार के आरोपी भाजपा विधायक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता 12 अप्रैल को लखनऊ की सड़कों पर उतर आये. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने आशंका जतायी कि योगी सरकार द्वारा प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला करने से यह मामला ठंडे बस्ते में जा सकता है. 

कांग्रेस महिला एवं युवा इकाइयों के कार्यकर्ताओं की प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों से झड़प हुई. वे मुख्यमंत्री आवास की ओर जाना चाह रहे थे. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वे विधायक की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. कांग्रेस ने 11 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बर्खास्तगी की मांग की थी.

वहीं, मायावती ने एक बयान में कहा कि विधायक को गिरफ्तार करने की बजाय मामले की सीबीआई जांच का आदेश देना संदेह पैदा करता है कि यह मुद्दा मध्य प्रदेश के व्यापम मामले की ही तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा. मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए, जहां से वह सांसद हैं. मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने 11 अप्रैल की रात सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और मामला सीबीआई को हस्तांतरित करने का फैसला किया गया.

पीड़िता ने की विधायक के गिरफ्तारी की मांग
उधर, पीड़िता ने 12 अप्रैल को मांग की कि विधायक को तत्काल गिरफ्तार किया जाए. सीबीआई जांच बाद में भी हो सकती है. सत्रह वर्षीय पीड़िता ने कहा, 'जांच से हमें आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें (विधायक) पहले गिरफ्तार किया जाना चाहिए ... उन्हें क्यों बचाया जा रहा है.’’ उसने कहा कि अगर विधायक गिरफ्तार नहीं हुआ तो वह 'मेरे चाचा को मार देंगे. जब वह गिरफ्तार हो जाएंगे, मुझे तभी संतोष होगा और मैं कह सकूंगी कि भाजपा सरकार न्याय कर रही है.’’

उपमुख्यमंत्री ने कहा, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
इस बीच, सहारनपुर में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उन्नाव मामले के दोषियों को कतई बख्शा नहीं जायेगा. उधर, उन्नाव में हुए कथित बलात्कार मामले में प्रधानमंत्री की चुप्पी पर कांग्रेस ने उनपर हमला बोलते हुए यह सवाल किया कि अभी तक भाजपा विधायक को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है.

पीएम मोदी पर बरसे कपिल सिब्बल 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने नयी दिल्ली में यह आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री देश भर में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध के प्रति ‘‘गंभीर नहीं’’ हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी कहा कि वह बलात्कार की घटनाओं के खिलाफ उपवास करें और उन्नाव बलात्कार मामले में दखल दें.

कैबिनेट मंत्रियों ने किया योगी सरकार का बचाव
उन्नाव में नाबालिग लड़की से कथित सामूहिक दुष्कर्म को लेकर आलोचना झेल रही उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार का केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, पीयूष गोयल और मेनका गांधी ने बचाव करते हुए कहा कि वे महिला की रक्षा के प्रति कटिबद्ध हैं और कानून अपना काम करेगा.

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