बच्चों को चिन्हित करने के बाद एक जुलाई से अभियान की शुरुआत हो जाएगी. बता दें, 3 महीने तक चलने वाले इस अभियान के लिए 3 थीम तैयार किए जा रहे हैं...
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 1 से 5 साल तक के कुपोषित बच्चों के लिए सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. अब राज्य के सैम (Severe Acute Malnutrition) और मैम (Moderate Acute Malnutrition) बच्चों की पहचान की जा रही है और इसी के साथ, उनके स्वास्थ में सुधार के लिए कार्य किए जा रहे हैं. इसके लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने एक शुरुआत की है. बता दें, आईसीडीएस निदेशालय ने तीन महीने तक एक विशेष अभियान चलाने की कवायद शुरू की है.
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इन्हें किया जाएगा चिन्हित
1 जुलाई से 30 सितंबर तक यह अभियान चलने वाला है. इस अभियान का नाम है 'पोषण संवर्धन की ओर एक कदम'. इसमें सैम और मैम बच्चों और उनकी माताओं को चिन्हित किया जाएगा और उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखा जाएगा. बताया जा रहा है कि तीन महीने के इस विशेष अभियान की शुरुआत में बच्चों की पहचान के लिए बेसलाइन सर्वे किया जा रहा है. इस दौरान उनका वजन किया जा रहा है. इसके बाद उन्हें सैम और मैम की कैटेगरी में रखा जा रहा है. इसके लिए सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एक प्रारूप दिया गया है. यह काम 24 जून तक पूरा करने का लक्ष्य है.
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ये होंगे थीम
बच्चों को चिन्हित करने के बाद एक जुलाई से अभियान की शुरुआत हो जाएगी. बता दें, 3 महीने तक चलने वाले इस अभियान के लिए 3 थीम तैयार किए जा रहे हैं.
पहले महीने- मातृ पोषण पर फोकस
दूसरे महीने- बाल पोषण पर फोकस
तीसरे महीने- 'प्रथम हजार दिवस' थीम पर फोकस. इसमें कुपोषित बच्चों और उनकी मां को 1000 दिन तक पोषाहार रेसिपी, वजन की निगरानी, चौरंगी भोजन और अनुपूरक पोषाहार आदि के सेवन के बारे जानकारी दी जाएगी.
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