UP Ki Baat: उत्तर प्रदेश के उत्तर में हरियाणा से सटा एक जिला शामली. इसकी गौरवशाली गाथा हमें महाभारत काल से लेकर 1857 की क्रांति तक की झलक दिखाती है. महाभारत काल में ... पढ़िए पूरी खबर ...
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Shamli Ka Itihaas: उत्तर प्रदेश के उत्तर में हरियाणा से सटा एक जिला शामली. इसकी गौरवशाली गाथा हमें महाभारत काल से लेकर 1857 की क्रांति तक की झलक दिखाती है. महाभारत काल में शामली कुरु क्षेत्र का एक हिस्सा था. महाभारत काल में इसका नाम श्यामली था. इसके पीछे का कारण महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण यहां एक बार रुके थे. लेकिन समय गुजरने के साथ इसका नाम श्यामली से शामली हो गया.
महाभारत का इतिहास
बताते हैं कि महाभारत के युद्ध से पहले जब श्रीकृष्ण शांति दूत बनकर कौरवों के पास गए थे. तब एक बार भगवान ने यहां पर एक रात के लिए विश्राम किया था. इस जगह का उल्लेख महाभारत में शालिभवन के नाम से है. जो समय बदलने के साथ साथ श्यामली से शामली हो गया है. यहां पर महाभारत काल का ही एक हनुमान का टीला भी मौजूद है. कहते हैं उसका निर्माण महान पांडव भीम ने करवाया था.
1857 की क्रांति
भारत की 1857 की क्रांति में यहां पर थाना भवन की लड़ाई लड़ी गई थी. यह लड़ाई 10 मई 1857 को भारतीय विद्रोह के रूप में इमदादुल्लाह मुहाजिर मक्की और ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के बीच में लड़ाई हुई थी. मुहम्मद कासिम नानौतवी के नेतृत्व में वहां पर एकत्रित हुए मुसलमानों की सेना ने वहां जीत हासिल की. लेकिन बाद में मुहम्मद कासिम की हत्या के बाद सारी जगह अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों में चली गई.
भूगोल
यह जिला हरियाणा राज्य की सीमा से लगा हुआ है. जोकि पानीपत-खटीना राजमार्ग पर स्थित है. देश की राजधानी दिल्ली से इसकी दूरी 102 किमी है. समुद्र तल से इसकू ऊंचाई 254 मीटर है. तो वहीं 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 1 लाख 7 हजार 233 ( 1,07,233 ) है. गंगा-यमुना दोआब क्षेत्र में होने के कारण यह जिला पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकासशील नगरों में से एक है.
जिला कब बना
शामली पहले मुजफ्फरनगर जिले की एक बेहद प्रसिद्ध तहसीत हुआ करता था. लेकिन यूपी सरकार ने 28 सितंबर 2011 को इसे एक अलग जिला बनाने की घोषणा की. तब इसका नाम प्रबुद्ध नगर रखा गया था. जिसे बाद में बदलकर शामली ही कर दिया गया था.
घूमने के लिए जगह
जिले में घूमने के लिए श्रीहनुमान धाम मंदिर ( हनुमान का टीला ) है. इसके अलावा यहां पर इस्सोपुर के पुरातात्विक अवशेष, श्री साईं धाम मंदिर व नवनिर्मित सतलोक आश्रम हैं.
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