UP: ऐसा है पुलिस की जीप का हाल, धक्का लगाकर कराना पड़ता है स्टार्ट
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UP: ऐसा है पुलिस की जीप का हाल, धक्का लगाकर कराना पड़ता है स्टार्ट

 जनपद के दो अलग-अलग थानों से पुलिस का खिल्ली उड़ाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं, जहां मुलजिम को पकड़ने वाली पुलिस खुद अपनी सरकारी गाड़ी में धक्का लगाती हुई नजर आ रही हैं. 

जीप को धक्का मारते हुए पुलिसकर्मी

श्रवण शर्मा/शामली: यूपी पुलिस को हाईटेक करने की कोशिश प्रदेश सरकार समय-समय पर करती रहती है, लेकिन हाईटेक करने के साथ-साथ पुलिस अपने पुराने ढर्रे पर ही चलती नजर आ रही है. जहां एक तरफ देश में मेट्रो, बुलेट ट्रेन चलने की बात की जाती है, वहीं अपराध रोकने वाली पुलिस 90 के दशक की गाड़ियों में ही चलने को मजबूर है. दरअसल जनपद के दो अलग-अलग थानों से पुलिस का खिल्ली उड़ाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं, जहां मुलजिम को पकड़ने वाली पुलिस खुद अपनी सरकारी गाड़ी में धक्का लगाती हुई नजर आ रही हैं. अब सोचने वाली बात ये है कि अगर अपराधियों की सूचना मिलती है तो क्या पुलिस इन गाड़ियों से समय पर पहुंच पाएगी.

तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि किस तरीके से पुलिस अपनी गाड़ियों में धक्का लगाती नजर आ रही है. इसका साफ कारण यही है कि पुलिस को मिलने वाली गाड़ियों का अच्छे से रखरखाव नहीं किया जाता. जिस कारण वह समय-समय पर खराब हो जाती हैं और मुलजिम की सूचना या किसी घटना की सूचना आने पर पुलिस मौके पर पहुंचने में असमर्थ होती है. 

गौर करने वाली बात है कि शामली जनपद को जहां दिल्ली एनसीआर में शामिल किया जा चुका है तो वहीं डीजल की 10 साल और पेट्रोल की 18 साल पुरानी गाड़ियों को नष्ट कर देना या फिर बंद कर देना चाहिए. लेकिन गाड़ी पुलिस की होने के बावजूद आरटीओ व ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करने से भी बचती है. जिस कारण यह 90 के दशक की गाड़ियां रोड़ पर दौड़ती है और काम पड़ने पर गाड़ी में धक्का मारने की स्थिति आ जाती है.पुलिस को हाईटेक बनाने के साथ-साथ बजट गाड़ियों को सुधारने के लिए आता तो है लेकिन बंदरबांट होने की वजह से वो बजट अपने स्थान तक नहीं पहुंच पाता.

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