बसों की लिस्ट पर उठे विवाद के बाद यूपी सरकार ने कांग्रेस की उस पेशकश को ठुकरा दिया जिसके तहत प्रियंका गांधी ने प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 बसों की मदद का प्रस्ताव दिया था.
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आगरा: उत्तर प्रदेश में मजदूरों की घर वापसी को लेकर उपजे बस विवाद में गिरफ्तार किए गए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को आज कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उन्हें 20 हजार के निजी मुचलके पर 16 जुलाई तक अंतरिम जमानत दे दी गई. साथ ही विवेक बंसल और प्रदीप माथुर को भी 20-20 हजार के मुचलके पर अंतरिम जमानत देने के बाद छोड़ दिया गया है. लेकिन अजय लल्लू को लखनऊ पुलिस अपने साथ ले गई है. बता दें कि, लखनऊ में भी अजय कुमार लल्लू के खिलाफ बसों की फर्जी सूची देने के मामले में FIR दर्ज है.
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वहीं, आज जैसे ही लखनऊ पुलिस अजय कुमार लल्लू को साथ लेकर निकली तो कई कांग्रेसी गाड़ी के आगे सड़क पर लेट गए. जिन्हें बढ़ी मुश्किल से पुलिस ने हटाया और रवाना हुई. उधर, प्रवासी मजदूरों के लिए प्रियंका वाड्रा की ओर से भेजी गई बसों को यूपी बॉर्डर से ही वापस भेज दिया गया है. बसों की लिस्ट पर उठे विवाद के बाद यूपी सरकार ने कांग्रेस की उस पेशकश को ठुकरा दिया जिसके तहत प्रियंका गांधी ने प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 बसों की मदद का प्रस्ताव दिया था. ये बसें राजस्थान से यूपी भेजी जा रही थीं. राजस्थान सरकार में मंत्री सुभाष गर्ग ने मीडिया को ये जानकारी दी.
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बता दें कि, मंगलवार को भारी संख्या में कांग्रेस पार्टी द्वारा बसें यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर खड़ी कर दी गई थी. लेकिन उन्हें उत्तर प्रदेश की सीमा में एंट्री नहीं दी गई. जिसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू अपने साथियों के साथ सीमा पर जाने के लिए अड़ गए और काफी देर चली कहासुनी के बाद धरने पर बैठ गए. जिसके बाद पुलिस ने अजय कुमार लल्लू, विवेक बंसल और प्रदीप माथुर को फतेहपुर सीकरी में राजस्थान सीमा पर गिरफ्तार कर लिया. तीनों के खिलाफ धारा 188, 269 और महामारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया.