Akash Anand: बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद को बनाया अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है. इसे दलितों मुस्लिमों पर फोकस के साथ युवाओं को लुभाने का बड़ा प्रयास माना जा रहा है.
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Akash Anand Lates News: बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है. उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है. इसे दलितों मुस्लिमों के साथ युवाओं को लुभाने की पार्टी की बड़ी रणनीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है. आकाश आनंद यूपी और उत्तराखंड छोड़कर बाकी राज्यों में बसपा की जिम्मेदारी संभालेंगे.
बसपा प्रमुख ने रविवार को लोकसभा चुनाव में यूपी को लेकर बड़ी बैठक बुलाई थी. इसी बैठक में मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों से सीधा फीडबैक लिया. आकाश आनंद को जिम्मेदारी देकर लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीएसपी ने पार्टी को नया चेहरा देने की रणनीति का संकेत दिया है. हालिया मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली. ऐसे पार्टी नए सिरे से संगठन में कसावट लाने में जुटी थी. आकाश आनंद को आगे लाना पार्टी की दलितों-मुस्लिमों के साथ युवाओं को बसपा से जोड़ने की रणनीति का हिस्सा है. बैठक में बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन को पार्टी जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया गया है.
बैठक में प्रत्याशियों के चयन पर चर्चा
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), राजस्थान, छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य के विधानसभा चुनाव के जिस तरह के नतीजे आए हैं और पार्टी का इन राज्यों में पहले से खराब प्रदर्शन रहा है, उसको देखते हुए पार्टी की राष्ट्रीय स्तर की इस बैठक को काफी अहम माना गया. नतीजों की जमीनी रिपोर्ट के आधार पर नए सिरे से लोकसभा चुनाव की तैयारियों के संबंध में मायावती (Mayawati) पदाधिकारियों से विचार-विमर्श किया. पार्टी मुनकाद अली जैसे मुस्लिम चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. आकाश आनंद (Akash Anand) को लोकसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी देने के साथ बसपा ने अखिलेश से सीधे मुकाबले का संकेत दिया है.. दलित वोट और मुस्लिम वोट पर फोकस के साथ पार्टी युवाओं और महिलाओं को रिझाएगी.
इस मीटिंग में पदाधिकारियों से तीन राज्यों में पार्टी के ख़राब प्रदर्शन पर रिपोर्ट मांगी गईगी. वहीं लोकसभा चुनाव को लेकर ग्राउंड रिपोर्ट तलब की गई. एक दिन पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने अमरोहा से सांसद दानिश अली को पार्टी से निकाला था.
बसपा इंडिया गठबंधन के साथ पार्टी पहले ही दूरी बना चुकी है. ऐसे में माना जा रहा है की 2024 के सियासी संग्राम में पार्टी एकला चलो की रणनीति पर आगे बढ़ेगी.
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