UP Politics: मायावती ने अखिलेश के भरोसे पर खड़े किए सवाल, गठबंधन टूटने पर सपा प्रमुख के बयान पर किया पलटवार
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UP Politics: मायावती ने अखिलेश के भरोसे पर खड़े किए सवाल, गठबंधन टूटने पर सपा प्रमुख के बयान पर किया पलटवार

UP Politics:  सपा-बसपा गठबंधन टूटने को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच जुबानी जंग जारी है. मायावती ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर अखिलेश के बयान पर सवाल उठाते हुए निशाना साधा है.

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UP Politics: गठबंधन टूटने को लेकर बसपा प्रमुख मायावती और अखिलेश यादव के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को फिर सपा प्रमुख के बयान पर सवाल उठाते हुए निशाना साधा. कहा कि इतने साल बाद अखिलेश यादव का सफाई देना कितना उचित और विश्वसनीय है यह सोचने वाली बात है. 

मायावती ने एक्स पर किया पोस्ट
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, लोकसभा चुनाव-2019 में यूपी में BSP के 10 व SP के 5 सीटों पर जीत के बाद गठबंधन टूटने के बारे में मैंने सार्वजनिक तौर पर भी यही कहा कि सपा प्रमुख ने मेरे फोन का भी जवाब देना बंद कर दिया था जिसको लेकर उनके द्वारा अब इतने साल बाद सफाई देना कितना उचित व विश्वसनीय? सोचने वाली बात है.

बसपा प्रमुख ने आगे लिखा, बीएसपी सैद्धान्तिक कारणों से गठबंधन नहीं करती है और अगर बड़े उद्देश्यों को लेकर कभी गठबंधन करती है तो फिर उसके प्रति ईमानदार भी जरूर रहती है. सपा के साथ सन 1993 व 2019 में हुए गठबंधन को निभाने का भरपूर प्रयास किया गया, लेकिन ’बहुजन समाज’ का हित व आत्म-सम्मान सबसे ऊपर है. बीएसपी जातिवादी संकीर्ण राजनीति के खिलाफ है. चुनावी स्वार्थ के लिए आपाधापी में गठबंधन करने से हटकर ’बहुजन समाज’ में आपसी भाईचारा बनाकर राजनीतिक शक्ति बनाने का मूवमेन्ट है.

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सपा-बसपा गठबंधन टूटने पर क्या बोले थे अखिलेश?
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसका जवाब दिया. अखिलेश ने कहा, "जिस समय गठबंधन टूटा, उस समय मैं आजमगढ़ में एक सभा में मंच पर था. सपा-बसपा के कार्यकर्ता और नेता वहां मौजूद थे. किसी को नहीं पता था कि गठबंधन टूटने जा रहा है. मैंने खुद फोन मिलाया था. यह पूछने के लिये कि आखिरकार यह गठबंधन क्यों तोड़ा जा रहा है, क्योंकि प्रेस वाले जनसभा के बाद मुझसे पूछेंगे तो उन्हें मैं जवाब क्या दूंगा? कभी-कभी अपनी बातें छिपाने के लिये भी ऐसी बातें रखी जाती हैं."

बुकलेट में मायावती ने किया था गठबंधन टूटने का जिक्र
दरअसल बसपा ने अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एक बुकलेट बांटी है, जिसमें मायावती ने बताया है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने फोन उठाना बंद कर दिया था, जिसकी वजह से गठबंधन तोड़ना पड़ा. बुकलेट में मायावती ने कहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव में सपा को पांच सीटें मिलीं. वहीं बसपा को 10 सीटें मिलीं. उन्होंने कहा कि यही बड़ी वजह बन थी कि सपा के वरिष्ठ नेताओं ने फोन उठाना बंद कर दिया था. बुकलेट में मायावती ने सपा के साथ दो बार हुए गठबंधन के टूटने की वजह बताई है. 

हरियाणा में रैली करेंगी मायावती
देवीलाल की जयंती पर इनेलो के साथ संयुक्त सभा से मायावती का हरियाणा में प्रचार शुरू होगा. दोनों पार्टियाँ संयुक्त सभा से अपने प्रत्याशियों का हौसला बढ़ायेंगी. आकाश आनंद भी चुनाव प्रचार करेंगे. हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में बसपा 37 और इनेलो 53 सीटों पर चुनाव चुनाव लड़ रहे हैं. 

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