यूपी एसटीएफ ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि गैंगस्टर विकास दुबे को जिंदा पकड़ना चाहते थे, लेकिन उसने गोली चलाने पर मजबूर किया.
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कानपुर: कानपुर जिले के बिकरू गांव में एक सीओ (Circle Officer) समेत 8 पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार सुबह एनकाउंटर में मार गिराया. यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार शाम एक प्रेस नोट जारी कर पूरे घटनाक्रम का विवरण प्रस्तुत किया है.
यूपी एसटीएफ ने अपने बयान में कहा है कि अभियुक्त विकास दुबे को पुलिस उपाधीक्षक तेज बहादुर सिंह के नेतृत्व में यूपी एसटीएफ की एक टीम सरकारी वाहन से उज्जैन से कानपुर लेकर आ रही थी. यात्रा के दौरान जनपद कानपुर नगर के सचेंडी थाना क्षेत्रान्तर्गत कन्हैया लाल अस्पताल के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर अचानक मवेशियों का झुंड गाड़ी के सामने आ गया.
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यूपी एसटीएफ के मुताबिक मवेशियों को बचाने के चक्कर में ड्राइवर ने ब्रेक लगाया जिससे वह गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई, जिसमें गैंगस्टर विकास दुबे था. अचानक हुई इस दुर्घटना से गाड़ी में बैठे पुलिस अधिकारियों/कर्मियों को गंभीर चोटें आईं. दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी में बैठे अपराधी विकास दुबे ने इस मौके का फायदा उठाकर भागने की कोशिश की.
यूपी एसटीएफ ने आगे बताया कि विकास दुबे ने घायल निरीक्षक रमाकांत पचौरी की सरकारी पिस्टल को झटके से खींच लिया तथा दुर्घटना ग्रस्त सरकारी वाहन से निकलकर कच्चे मार्ग पर भागने लगा. पीछे से आ रहे दूसरे सरकारी वाहन में बैठे पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ तेजबहादुर सिंह ने अपने साथियों के साथ विकास का पीछा किया. विकास दुबे ने एसटीएफ टीम पर फायरिंग करनी शुरू कर दी.
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यूपी एसटीएफ ने अपने बयान में कहा है कि अभियुक्त विकास दुबे को जिन्दा पकड़ने का भरपूर प्रयास किया गया. एसटीएफ के जवान उसे जिंदा पकड़ने के लिए उसके काफी निकट पहुंच गए थे, लेकिन विकास फायरिंग करता रहा. अन्य कोई विकल्प न होने की दशा में यूपी एसटीएफ की टीम ने अपने सेल्फ डिफेंस में फायरिंग की जिसमें अभियुक्त विकास दुबे को गोली लग गई और उसकी मौत हो गई.
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