रोड एक्सीडेंट में मरने वाला हर सातवां व्यक्ति UP का, सावधानी बरतने के लिए उठाने होंगे ये कदम
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रोड एक्सीडेंट में मरने वाला हर सातवां व्यक्ति UP का, सावधानी बरतने के लिए उठाने होंगे ये कदम

 परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए जानकारी दी कि राज्य में हो रही सड़क दुर्घटनाओं और मृतकों की संख्या चिंताजनक है. 

सांकेतिक तस्वीर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार सुबह सड़क सुरक्षा माह की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश को सड़क सुरक्षा और सुविधा से जुड़ी 55.70 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी. सड़क सुरक्षा माह के दौरान सुरक्षा, सुविधा और नियम पालन के लिए विभागीय समन्‍वय के साथ अभियान चलाया जाएगा. मुख्‍यमंत्री ने सभी जिलों में प्रभावी ढंग से अभियान चला कर दुर्घटनाएं रोकने और लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा, परिवहन विभाग एवं गृह विभाग को संयुक्त रूप से नोडल विभाग भी बनाया गया है. 

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19% कम हुए सड़क हादसे
कार्यक्रम के दौरान परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए जानकारी दी कि राज्य में हो रही सड़क दुर्घटनाओं और मृतकों की संख्या चिंताजनक है. आंकड़े बताते हैं कि भारत में सड़क दुर्घटना में मरने वाले व्यक्तियों में हर सातवां व्यक्ति उत्तर प्रदेश का होता है. सीएम योगी इस विषय को लेकर गंभीर हैं और समय-समय पर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए अभियान शुरू करने के निर्देश देते हैं. रोड एक्सीडेंट्स के आंकड़े देखे जाएं तो साल 2019 की तुलना में 2020 में 19% तक कमी आई है. 

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दोपहिया वाहन वालों की ज्यादा होती है मौत
परिवहन मंत्री ने जानकारी दी है कि स्कूटी या बाइक सवार ही सबसे ज्यादा सड़क हादसों का शिकार होते हैं. इनमें भी 18 साल से 35 साल की उम्र वाले नौजवान ही जान खो देते हैं. इसे रोकने के लिए स्टूडेंट लाइफ में ही बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाना जरूरी है. सड़क पर हो रही दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण ड्राइवर की लापरवाही होती है. सीट बेल्ट और हेलमेट का उपयोग न करना जानलेवा हो बन जाता है.  

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ऑटोमेटिक तरीके से की जा रही है चेकिंग
पिरवहन मंत्री का कहना है कि लखनऊ में इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर की स्थापना की जा चुकी है. अब गाड़ियों की जांच ऑटोमेटिक तरीके से की जा रही है. इसी तरह के सेंटर आगरा और कानपुर में भी बनाए जा रहे हैं. सभी जनपदों में ऑटोमेटिक इंस्पेक्शन सर्टिफिकेशन सेंटर के निर्माण के बाद सड़क पर अच्छी कंडीशन वाली गाड़ियों का संचालन होगा, जिससे एक्सीडेंट्स की संख्या में कमी आएगी. 

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