मॉनसून सत्र के पहले दिन यूपी विधानसभा में नजारा बदला-बदला सा नजर आया. यहां विरोध प्रदर्शन कर रहे विधायकों ने पीपीई किट पहन रखी थी जबकि दो गज की दूरी का पूरा पालन किया गया. तीन दिन के मॉनसूत्र सत्र का पहला दिन अपने आपमें ऐतिहासिक रहा.
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लखनऊ: महामारी कोरोना के संक्रमण के बढ़ते प्रसार के बीच उत्तर प्रदेश में गुरुवार से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है. कोरोना के चलते मॉनसूत्र सत्र की अवधि घटाई गई है. विधान भवन में कार्यवाही शुरू होने से पहले समाजवादी पार्टी के विधायकों ने विधानसभा के बाहर जमकर हंगामा किया. हाथ में तख्ती के साथ समाजवादी पार्टी के के विधायक योगी आदित्यनाथ सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे. प्रदर्शन कर रहे विधायकों ने कोरोना प्रोटोकॉल का ख्याल रखते हुए पीपीई किट पहन रखी थी. पीपीई किट पहनकर विधानसभा पहुंचे सपा विधायकों ने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन किया.
स्वास्थ्य मंत्री जेपी सिंह का रास्ता रोका
सपा विधायकों ने विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में स्वास्थ मंत्री का रास्ता भी रोका. स्वास्थ मंत्री जयप्रताप सिंह को घेर कर कोविड संक्रमण के मामले पर विधायकों ने सवाल किया. स्वास्थ्य मंत्री को सपा विधायकों ने बताया की यूपी में कोरोना की स्थिति काफी खराब है. स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने सभी विधायकों की बात की बात सुनी और फिर अंदर चले गए.
शोक प्रस्ताव के बाद कार्रवाई स्थगित
सत्र के पहले दिन मृत सदस्यों, गलवानी घाटी में शहीद जवानों और दिवंगत कोरोना वॉरियर्स के निधन पर शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया. मॉनसून सत्र में कुल 24 सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई, जिनमें से 4 वर्तमान सदस्य थे और 20 पूर्व सदस्य.
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ऐतिहासिक है विधानसभा का मॉनसून सत्र
आज से शुरू हुए प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र को कोरोना वायरस संक्रमण के चलते छोटा किया गया है. बचाव के सभी इंतजाम के बीच चार दिन में 14 विधेयकों को मंजूर कराने की सरकार की तैयारी है. पहली बार सदन में कुछ लोग वर्चुअल ढंग से उपस्थित होंगे. 65 वर्ष से अधिक उम्र के विधायकों को सत्र में वीडियो कांफ्रेंसिंग से जोड़ा जाएगा. कोरोना महामारी के दौरान संवैधानिक बाध्यता के कारण इस सत्र के लिए अनेक ऐसी व्यवस्थाएं करनी पड़ रही हैं. विधानसभा के इतिहास में पहली बार इस तरह की व्यवस्था की जा रही है. विधायकों को कोरोना से बचने के लिए चाय के बजाय काढ़ा दिया जाएगा और 2 गज की दूरी का तो ख्याल रखना ही है. मास्क लगाना सभी के लिए अनिवार्य होगा और दर्शक दीर्घा में दर्शकों की जगह विधायक ही बैठे दिखाई देंगे. सत्र में हंगामे के बावजूद विधायक वेल में नहीं जा सकेंगे और विधानसभा की कैंटीन भी खुली नहीं रहेगी.
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