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नई दिल्लीः संभावनाओं के नए दौर में प्रवेश कर रहे भारत के विकास पर पूरी दुनिया की नजर है. हमारा देश विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है. हालांकि, देश के सामने कई चुनौतियां हैं. ऐसे में ZEE मीडिया ने Building New India UP के रूप में एक पहल की है, जिसमें देश के नीतियों और जनप्रतिनिधियों से देश के विकास पर चर्चा की जाएगी. इसी के साथ यह जानने की कोशिश की गई कि विकास के लिए उनका विजन क्या है.
इसी क्रम में Zee Media के एंकर राममोहन शर्मा और शबनम हसन ने ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से चर्चा की. ओवैसी अपनी पूरी चर्चा के दौरान ज्यादातर समय तक हिंदू-मुस्लिम और धर्म के मुद्दे पर ही डटे रहे. जिस समय ओवैसी चर्चा के लिए आए उस समय पहले से ही भाजपा के मुस्लिम चेहरे के तौर पर पहचाने जाने वाले नेता और बिहार राज्य के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन Building New India UP के मंच पर इन दोनों एंकर्स से चर्चा कर रहे थे. इस चर्चा में मुस्लिमों के मुद्दों को मुखर तरीके से उठाने वाले ओवैसी के शामिल होने से चर्चा काफी रोचक व तर्क-वितर्क वाली रही. दोनों ने ही अपनी-अपनी बात पुरजोर तरीके से रखने का प्रयास किया. पढें कैसी रही ZEE मीडिया के मंच पर ये चर्चा -
पॉलिटिकल लीडरशिप पैदा नहीं करेंगे तो मसले हल नहीं होंगे
ओवैसी पर एंकर की ओर से पहला ही प्रश्न यूपी चुनावों से जुड़ा पूछा गया कि आजकल यूपी में आप बहुत मेहनत कर रहे हैं, उत्तरप्रदेश के चुनावों में यह मेहनत रंग लाती हुई नजर आ रही है क्या?
इस पर ओवैसी ने कहा कि, देखिए किसी चीज के लिए दुनिया में मेहनत करना तो बहुत जरूरी है. बगैर मेहनत करे बगैर कुछ हासिल नहीं होता. मेहनत करना है, मेहनत करते रहेंगे. इंशाअल्लाह, अल्लाह ताला मेहनत का सिला दुनिया में भी देगा और आखिर में भी देगा. यूपी की राजनीति के ऊपर बोलते हुए उन्होंने कहा यूपी में समाजवादी और बीएसपी का अलाइंस हुआ, दोनों को 75% मुस्लिम वोट मिले, तब भी उनके केवल 15 एमएलए ही जीत पाए, बाकी की सीटें बीजेपी जीत गई. तो ऐसे में यही हाल होगा. मेरा मानना है कि जब तक मुसलमान अपनी पॉलिटिकल लीडरशिप को पैदा नहीं करेंगे, अपने हाथों से अपने उम्मीदवारों को कामयाब नहीं करेंगे, यह मसले हल नहीं होंगे.
मंच पर मौजूद एंकर राम ने हालांकि ओवैसी और शाहनवाज का आपस में संवाद कराने से पहले ही विनम्रतापूर्वक पूछ लिया कि यदि आप दोनों लोग आपस में संवाद के लिए राजी होंगे, तो ही मैं परस्पर संवाद को आगे बढ़ाऊंगा, नहीं तो आप दोनों से मैं हमारे कार्यक्रम के कांसेप्ट पर इंडिविजुअल ही बात करूंगा.
इस पर कोई साफ सहमति देने की बजाय हालांकि पर दोनों मौन बैठे रहे, पर एक दूसरे से चर्चा में किसी ने भी पैर पीछे नहीं खींचे. ओवैसी द्वारा दिए गए उत्तर हालांकि केंद्रीय राजनीति, मोदी और मुसलमानों के विषय से शुुरू होते थे पर घूमते हुए ओवैसी व शाहनवाज की चर्चा कहीं ना कहीं यूपी पर आती ही रही.
कितने मुसलमानों को घर मिला
इसी क्रम में यूपी का संदर्भ देते हुए ओवैसी ने कहा कि आजादी के बाद मुसलमानों को मेरठ के दंगे मिले, अलीगढ़ के तालों का बिजनेस खत्म कर दिया गया. उत्तर प्रदेश के निवासी भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी पर हालिया नफरत का मामला उठाते हुए उन्होंने कहा कि आप कैसा न्यू इंडिया बनाना चाहते हैं, जिसमें आप देश की टीम में खेलने वाले मुस्लिम क्रिकेट प्लेयर पर शक करते हैं. उत्तरप्रदेश का मुद्दा उठाते हुए ओवैसी ने कहा कि मैंने आरटीआई एक्ट के तहत एप्लीकेशन डालकर पूछा कि यूपी में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में पिछले तीन साल में कितने मुसलमानों को घर मिला. मैं आज जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि साल 2018-19, 2019-20, 2020-21 इन तीन सालों में 10 घर भी किसी मुसलमान को सैंक्शन नहीं किए गए. समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि सपा ने यूपी में क्या किया. यहां बहुत बार फसाद हुए, मुजफ्फरनगर का फसाद हुआ, आजादी और पार्टीशन के बाद अगर पचास हजार लोग बेघर हुए तो इनके ही राज्य में हुए. समाजवादियों ने कोई इंसाफ नहीं किया, जिसकी वजह से यूपी के दंगा-फसाद पीड़ितों के हजार केसेज खत्म हो चुके हैं. योगी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों के 77 केस विदड्रॉल कर लिए. इसमें बीजेपी के बड़े-बड़े लीडर शामिल हैं. अपने खिलाफ चल रहे केस को विदड्रॉल कर लिया. अब आप बताइए, ऐसे में कैसे इंसाफ होगा. बाबरी मस्जिद के क्रिमिनल ट्रायल का फैसला आता है तो यह सरकार अपील नहीं करती. इस हिसाब से आप देखेंगे तो मुसलमानों से इंसाफ नहीं हो रहा है.
कैसी आरटीआई निकाल कर लाए हैं ओवैसी साहब...
जब ओवैसी अपनी बात कह चुके तो केवल 10 मुसलमानों को घर दिए जाने के उनके बयान को घेरते हुए शाहनवाज बोले कि ना जाने कैसी आरटीआई निकाल कर लाए हैं ओवैसी साहब... मैं उनको पूरी जानकारी देना चाहता हूं. मैं चंद दिन पहले उत्तरप्रदेश गया था और योगी जी से मिला. उन्होंने एक क्लस्टर योजना चलाई है. वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी). मैं ओवैसीजी से कहूंगा कि वह गूगल पर ओडीओपी का पूरा डिटेल निकाल कर देखें. उसमें उत्तरप्रदेश सरकार ने क्लस्टर डेवलप किया है. ओवैसी जी कह रहे हैं कि योगी सरकार ने अलीगढ़ का ताला बिजनेस खत्म कर दिया. सच्चाई है कि इस क्लस्टर योजना के तहत योगी जी ने मुरादाबाद में बर्तन के उद्योग का क्लस्टर बनाया, भदोही में कालीन का क्लस्टर बनाया, खुर्जा में मिट्टी के बर्तन का क्लस्टर बनाया. सबसे बड़ी बात इन क्लस्टर में ज्यादातर 80% लोग मुस्लिम ही थे, पर यह सब योगीजी ने इस नजर से नहीं किया कि मुस्लिम को ही देना है. बहुत से लोग मुस्लिम वर्ग के मुझे मिले, जिन्होंने इसका फायदा उठाया है.
जहां तक ओवैसी जी द्वारा बताए गए 10 घरों वाले मामले का सवाल है. आवंटित घराें की एक लिस्ट होती है. ऐसी हजारों लिस्ट हैं. मैं इन लिस्ट को उत्तर प्रदेश की सरकार से मंगाकर रजिस्ट्री डाक से से ओवैसीजी के घर पर भेज दूंगा, लेकिन वह उत्तर प्रदेश की इस जानकारी के बारे में बताएं कि उनका सोर्स क्या है. वह जाकर यूपी में यही क्यों तलाशते हैं कितने हिंदू को मकान मिला, कितने मुसलमान को मिला. यह नहीं देखते कि कितने गरीबों को मिला. उनसे मैं गुजारिश करूंगा कि गलत जानकारी ना दें. यह कार्यक्रम खत्म होते ही मैं उत्तरप्रदेश सरकार में फोन करूंगा और घरों की वह लिस्ट मंगा लूंगा, हम हिंदू मुस्लिम में फर्क नहीं करते.
एनकाउंटर में भी हिंदू-मुसलमान
जब एंकर ने ओवैसी की तरफ यह प्रश्न उछाला कि शाहनवाज ने तो आपके दावे को नकार दिया है, आपने जो इल्जाम लगाया है वह ठीक नहीं है. इसका जवाब देते हुए ओवैसी ने कहा कि मैंने तो आरटीआई एप्लीकेशन डाली है और पूछा है कि जो घर मुसलमानों को सैंक्शन किए उनमें से 10 घर का नाम बता दीजिए जिनमें मुस्लिम रह रहे हैं. घर सैंक्शन तो किए गए, पर दिए नहीं गए. ओवैसी ने शाहनवाज को यह भी सलाह दी कि वह कार्यक्रम खत्म होने के बाद मिनिस्ट्री ऑफ़ माइनॉरिटी अफेयर्स की वेबसाइट पर जाएं और उसमें एमएसडीपी के फंड के बारे में पढ़ लें. इसमें उत्तरप्रदेश को को 11 सौ करोड़ रुपए दिए गए थे. यूपी सरकार ने केवल 16 करोड खर्चा किया. इसके बाद यूपी में हो रहे एनकाउंटर का मुद्दा उठाते हुए ओवैसी ने कहा कि यहां जितने एनकाउंटर हुए उनमें से 37% खाली मुसलमानों के ही हुए. सीएम योगी के क्षेत्र गोरखपुर में एक गुप्ता नाम का शख्स मारा गया. उसको सरकार 50 लाख देती है. उन्नाव में एक फैजल नाम का लड़का जो तरकारी भेजता था, पुलिस स्टेशन में मारा गया. उसके परिवार को कोई नहीं पूछता. ये कैसे इंसाफ की बात कर रहे हैं.
इसके बाद ओवैसी ने शाहनवाज पर प्रश्न दागते हुए पूछा कि क्या बीजेपी उत्तरप्रदेश के चुनाव में किसी मुसलमान को एमएलए बनाकर लेकर आएगी? मोहम्मद शमी के परिवार को जो गालियां दी गई, क्या बीजेपी उस बारे में बोल नहीं सकती थी?
इसका जवाब देते हुए शाहनवाज ने कहा-मैं ताज्जुब में हूं कि आप जैसा बैरिस्टर एनकाउंटर में भी हिंदू मुस्लिम की काउंटिंग करने लग गया. एनकाउंटर होता है अपराधियों का. इसमें हिंदू मुसलमान नहीं होता. कल को आप विकास दुबे को भी बता देंगे कि वह माइनॉरिटी का था.
इस पर ओवैसी ने जवाब देते हुए कहा कि शाहनवाज साहब यह एक रिपोर्ट है कि जितने एनकाउंटर हुए. उसमें कितने पर्सेंट मुसलमानों को मारा गया. मुझे यह बताइए कि जेल में जाकर गोली क्यों मारी गई. एक ब्राह्मण लड़के को लखनऊ में मारा गया, तो योगी ने जिम्मेदारों को सस्पेंड कर दिया. इंसान तो इंसान ही है ना, यह कहां का इंसाफ है कि मुसलमान है तो उसके खून की कीमत नहीं है. आला जात का है, तो उसके खून के बदले कोई सस्पेंड हो जाएगा, गुप्ता मरता है तो 50 लाख और नौकरी मिलती है और फैजल मरता है तो कोई पूछने वाला नहीं है.
आपको योगीजी से जाकर मिलना चाहिए
जवाब देते हुए शाहनवाज ने कहा कि मैं आपके किसी इल्जाम को सही नहीं मानता. मेरे पास आंकड़ा है कि मुस्लिमों को आबादी से ज्यादा गैस सिलेंडर मिले, खाता खुला तो सब का खुला, किसी ने रोका नहीं कि तुम मुसलमान हो. आपको लगता है कि कहीं पर मुसलमानों के साथ ज्यादती हुई है, तो आपको लिखना चाहिए. आपको योगीजी से जाकर मिलना चाहिए.आप केवल इल्जाम लगाएंगे, यह सही नहीं है. अपराध और अपराधियों से योगीजी ने ना समझौता किया है और ना करेंगे. मैं एक बार योगीजी के पास गया था. उनकी नजर में तो केवल एक ही चीज है, जो मुल्क से मोहब्बत करेगा उसको वह अपनी पलकों पर बिठाएंगे, छाती से लगाएंगे, लेकिन अगर आप कहें कि कोई अपराध करे, गोली चलाए, तो उसको एनकाउंटर करने से पहले पूछेंगे कि भाई पहले ये बताओ आप हिंदू हैं या मुसलमान हैं. यह नहीं हो सकता.
बी टीम बोलने दो, हमें कोई फर्क नहीं
इसके बाद की चर्चा में ओवैसी ने लखीमपुर खीरी कांड की बात उठाते हुए कहा कि आपने किसानों को कुचलने वाले यूनियन मिनिस्टर के लड़के के घर को क्यों नहीं डिमोलिश किया, क्योंकि वह ब्राह्मण समाज का है. आपको उनके वोट हासिल करना है. यह बात कोई बोलता नहीं है, पर सच्चाई यही है. आप यूपी में कानून बनाते हैं लव जिहाद के खिलाफ, आप कौन होते हैं भाई.
खुुद को भाजपा की बी टीम बताए जाने के सवाल का जवाब देते हुए ओवैसी ने कहा कि मुस्लिमों के मामले में सपा, बसपा और बीजेपी एक हो जाते हैं. यह कोई पार्टी नहीं चाहती कि मुसलमानों की एक पॉलिटिकल लीडरशिप बने. मुसलमानों का एंपावरमेंट हो. हमको इन बी टीम बोलने वालों से कोई फर्क नहीं पड़ता.
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