Allahabad High Court: परमहंस आचार्य ने याचिका दाखिल की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि उन्हें ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया गया. इस मामले पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विपक्षियों से चार हफ्तों में जवाब मांगा है.
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मो.गुफरान/प्रयागराज: अयोध्या के तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस दास की ताजमहल परिसर में प्रवेश की मांग वाली याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए ASI के डायरेक्टर, डीएम आगरा और एसएसपी आगरा सहित ताजमहल के सिक्योरिटी इंचार्ज से चार हफ्ते में जवाब मांगा है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा है कि परमहंस दास को ताजमहल परिसर में धर्मदंड और गेरुवा वस्त्र के साथ प्रवेश करने से क्यों रोका गया. जस्टिस एमके गुप्ता और जस्टिस डॉ. वाई के श्रीवास्तव की डिविजन बेंच ने परमहंस दास की याचिका पर उनके अधिवक्ता अभिषेक तिवारी को सुनने के बाद यह आदेश दिया है.
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जगद्गुरु परमहंस दास ने लगाए ये आरोप
दरअसल, जगद्गुरु परमहंस दास ने आरोप लगाया है कि धर्मदंड और गेरुवा वस्त्र धारण करने पर उन्हें ताजमहल परिसर में प्रवेश से रोका गया. उन्होंने दो बार इस बाबत आगरा प्रशासन और ताजमहल सिक्योरिटी इंचार्ज से जानना चाहा कि उन्हें जाने से क्यों रोका जा रहा है. लेकिन जिला प्रशासन ने मनमानी करते हुए उनके अधिकारों का हनन किया है. उन्हें धर्मदंड और भगवा वस्त्र धारण कर ताजमहल परिसर में प्रवेश से रोका गया. ऐसे में जगद्गुरु परमहंस दास ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर ताजमहल परिसर में प्रवेश की अनुमति का आगरा जिला प्रशासन और ताजमहल सिक्योरिटी इंचार्ज को निर्देशित करने की मांग की है.
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कोर्ट ने फिलहाल परमहंस दास की याचिका पर सुनवाई के बाद सभी विपक्षियों से जवाब तलब किया है. चार हफ्ते में अपोजिट पार्टी को जवाब दाखिल करना होगा. सितंबर महीने के पहले सप्ताह में याचिका पर अगली सुनवाई की उम्मीद है.