कोर्ट जानना चाहती है कि यूपी की राजधानी लखनऊ और पूर्वांचल के आजमगढ़ में बायोमेट्रिक कार्ड एंट्री की व्यवस्था लागू करने की समय सीमा क्या है. वहीं, इससे पहले भी कोर्ट ने सरकार से जानकारी मांगी थी कि सभी कोर्ट्स में कितने सुरक्षा कर्मियों की तैनाती मंजूर की गई है...
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प्रयागराज: यूपी की जिला अदालतों (UP District Courts) में सेक्योरिटी बढ़ाने को लेकर इलाहाबाद हाई (Allahabad High Court) कोर्ट सख्त हो गया है. सभी कोर्ट में सीसीटीवी लगाए जाने और बायोमेट्रिक कार्ड से ही एंट्री करने जैसे इंतजाम किए जाने हैं. इसको लेकर हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकार (UP Government) से जानकारी मांगी है. दरअसल, साल 2019 में बिजनौर के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हुई गोलीबारी की वारदात के बाद हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वत: प्रेरित जनहित याचिका (Suo Motu PIL) फाइल की है. अब इस पीआईएल पर जस्टिस सुनीत कुमार और जस्टिस समित गोपाल की बेंच सुनवाई कर रही है.
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कोर्ट ने पहले भी मांगी थी यह जानकारी
कोर्ट जानना चाहती है कि यूपी की राजधानी लखनऊ और पूर्वांचल के आजमगढ़ में बायोमेट्रिक कार्ड एंट्री की व्यवस्था लागू करने की समय सीमा क्या है. वहीं, इससे पहले भी कोर्ट ने सरकार से जानकारी मांगी थी कि सभी कोर्ट्स में कितने सुरक्षा कर्मियों की तैनाती मंजूर की गई है.
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सितंबर तक नहीं दिखी थी कोई प्रगति
गौरतलब है कि इस साल के सितंबर महीने तक सेक्योरिटी को लेकर कोई भी प्रोग्रेस नहीं देखा गया था, जिसे लेकर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी. बताया जा रहा है कि 20 फरवरी 2020 से अभी तक इसके खर्च के लिए धन की स्वीकृति नहीं दी गई थी, जबकि कोर्ट ने खुद सरकार को अदालतों सही ढंग से और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया था. अब जानकारी के मुताबिक, याचिका की सुनवाई दिसंबर की शुरुआत (2 दिसंबर) में होगी.
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