Amarmani Tripathi Basti case : पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी ने कोर्ट में पेश होने से बचने के लिए काफी उपाय किए लेकिन उनकी एक न चली. आखिरकार उन्हें 16 अक्टूबर को कोर्ट के सामने पेश होना ही पड़ेगा. आइए जानते हैं क्या है मामला.
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राघवेंद्र सिंह/बस्ती : मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में भले ही पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) जमानत मिल गयी है लेकिन बस्ती (Basti) के राहुल मधेशिया अपहरण कांड में उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. 22 साल पुराने अपहरण कांड में बस्ती एमपी एमएलए कोर्ट के जज प्रमोद गिरी ने अपरमणि को 16 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है. हालांकि अमरमणि के वकील ने कोर्ट के सामने ये दलील दी कि अमरमणि त्रिपाठी का डिप्रेशन का इलाज चल रहा है. कोर्ट में हाजिर होने असमर्थ हैं लेकिन कोर्ट ने उन्हें राहत न दे देते हुए सीएमओ गोरखपुर से रिपोर्ट मांगी.
5 सदस्यीय टीम ने अदालत में रिपोर्ट भेज आख्या प्रेषित की है. इसमें कहा गया है कि इनका इलाज उत्तर प्रदेश राज्य चिकित्सालय लखनऊ के अनुसार चल रहा है. इसमें डिप्रेशन के आधार पर कोर्ट में पेश होने के लिए नहीं रोक जा सकता है. इसी आधार पर उनकी अपील को खारिज कर 16 अक्टूबर को पेश के लिए समन जारी किया गया है. कोर्ट का फैसला आने के बाद अमरमणि त्रिपाठी की धड़कनें बढ़ गई हैं.
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क्या है मामला
दरअसल पूरा मामला ये है की 2001 में बस्ती जनपद के कोतवाली में पुलिस ने राहुल मद्देशिया जनपद के बड़े व्यापारी का अपहरण का मुकदमा दर्ज किया था. एक सप्ताह बाद बस्ती पुलिस राहुल को अमरमणि के लखनऊ स्थित आवास से मुक्त कराया था. पुलिस ने राहुल को लखनऊ में एक घर से बरामद कर लिया. बताया गया कि घर अमरमणि त्रिपाठी के करीबी का है. जिसमें 9 लोगों के ऊपर अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था. इसमें अमरमणि को भी अपहरण का अभियुक्त बनाया गया था. अमरमणि पिछली कई सुनवाई से कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे. तब जेल में होने की वजह से अदालत ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक, गोरखपुर से कारण पूछा था.
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