लखनऊ के बाद इस जिले में एंबुलेंस के फेर में फर्जीवाड़े की शिकायत, भटक रहे जरुरमंद
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लखनऊ के बाद इस जिले में एंबुलेंस के फेर में फर्जीवाड़े की शिकायत, भटक रहे जरुरमंद

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में एंबुलेंस सेवा 102 और 108 के फेरों में फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं. लखनऊ के बाद अब फिरोजाबाद में भी फर्जी फोन कॉल के जरिए एंबुलेंस दौड़ाने और टार्गेट पूरा करने के आरोप लग रहे हैं. इससे एक ओर जहां सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग हो रहा है वहीं जरुरतमंद सुविधाओं के लिए भटक रहे हैं.

लखनऊ के बाद इस जिले में एंबुलेंस के फेर में फर्जीवाड़े की शिकायत, भटक रहे जरुरमंद

फिरोजाबाद। प्रदेश में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को अस्पताल ले जाने वाली 102 और 108 नंबर एंबुलेंस के फेरे में फर्जीवाड़े की बात सामने आई है. हर एंबुलेंस के ड्राइवर व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन(इएमटी) को रोजाना गर्भवती महिलाओं-बालकों को अस्पताल ले जाने का लक्ष्य मिलता है. बताया जा रहा है कि लक्ष्य पूरा करने के लिए फेरों में फर्जीवाड़ा किया जाता है. इस गड़बड़ी की वजह से हर दिन मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. फिरोजाबाद जिले में कुल 58 गाड़ियां हैं जिले में 20 से 25 गाड़ियां खराब खड़ी हैं. 102 और 108 नंबर एंबुलेंस का संचालन जीवीके इएमआरआइ कंपनी करती है. कंपनी और शासन के बीच अनुबंध के मुताबिक 102 नंबर की हर एंबुलेंस से रोजाना कम से कम आठ गर्भवती महिलाओं और बच्चों को सरकारी अस्पतालों तक ले जाना होता है. इस तरह हर दिन एक एंबुलेंस 140 किमी की दूरी तय करनी होती है. लक्ष्य पूरा नहीं होने पर सेवा प्रदाता कंपनी को हर माह होने वाले भुगतान में कटौती का भी प्रावधान है. आशंका है कि जिन एंबुलेंसों के चालक इएमटी टारगेट पूरा नहीं कर पाते, वे 102 नंबर पर काल कर फर्जीवाड़ा करते हैं. 

सीएमओ को दिया शिकायती पत्र
102, 108 नंबर एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष संजीव कुमार ने सीएमओ डा. दिनेश कुमार प्रेमी को एबुलेंस के फेरों में किए जा रहे फर्जीवाड़े से जुड़ा शिकायती पत्र दिया है. संजीव कुमार ने बताया कि एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी टारगेट देती है. टारगेट पूरा न करने वाले कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया जाता है. ऐसे में मजबूरी में फर्जी मरीजों का आंकड़ा कंपनी को उपलब्ध कराया जाता है. आंकड़ों की सही जांच की जाए तो फर्जीवाड़ा सामने आ जाएगा. जिन मोबाइल नंबरों से 102 नंबर पर कॉल की जाती है, उनकी जांच होना जरूरी है. ज्यादातर कॉल एंबुलेंस के चालकों, इएमटी और आशा कार्यकर्ताओं के मोबाइल नंबर के मिलेंगे. एक-एक मरीजों को कई बार अस्पतालों में ले जाना बताया जाता है. कई मरीजों के नाम-पता भी फर्जी मिलेंगे. वहीं जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अभी इस पूरे मामले पर कुछ भी कहने से इनकार किया है.

मरीज और परिजन हो रहे परेशान
जिला अस्पताल में आए मरीज भी समय पर सेवाएं प्राप्त नहीं होने का आरोप लगा रहे हैं. जिला संयुक्त चिकित्सालय शिकोहाबाद में मरीज का उपचार कराने आए मनोज कुमार के मुताबिक वह 102 और 108 नंबर पर काफी देर तक फोन करते रहे, बावजूद इसके उन्हें कोई सुविधा नहीं मिली. स्थानीय कर्मचारियों पर सेवाओं के बदले सुविधा शुल्क की मांग किए जाने बात भी सामने आई है. 

प्रदेश के दूसरे जिलों से भी मिली शिकायतें
फिरोजाबाद ही नहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत अन्य जिलों से भी एंबुलेंस सेवा में फर्जीवाड़े का मामला सामने आ चुका है. कुछ दिन पहले ही परिवार कल्याण विभाग ने पूरे मामले की जांच के लिए डॉक्टरों की कमेटी बनाई है. दोषियों पर कार्रवाई के लिए सभी जिलों से रिपार्ट भी मंगवाई है.

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