अयोध्या: श्रीलंका की अशोक वाटिका से शिला लेकर अयोध्या पहुंचे श्री लंका के राजदूत, राम मंदिर में होगा इस्तेमाल
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अयोध्या: श्रीलंका की अशोक वाटिका से शिला लेकर अयोध्या पहुंचे श्री लंका के राजदूत, राम मंदिर में होगा इस्तेमाल

श्रीलंका के राजदूत, उप राजदूत और दो मंत्री इन शिलाओं को लेकर अयोध्या पहुंचे. इस दौरान रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास, ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने डेलिगेशन का रामलला के दरबार में स्वागत किया. 

अयोध्या: श्रीलंका की अशोक वाटिका से शिला लेकर अयोध्या पहुंचे श्री लंका के राजदूत, राम मंदिर में होगा इस्तेमाल

अयोध्या: अयोध्या राम जन्म भूमि रामलला के मंदिर में श्रीलंका सीता एलिया अशोक वाटिका की शिला रखी गई. आज श्रीलंका के राजदूत, उप राजदूत और दो मंत्री इन शिलाओं को लेकर अयोध्या पहुंचे. इस दौरान रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास, ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने डेलिगेशन का रामलला के दरबार में स्वागत किया. अयोध्या पहुंचे श्रीलंका के उच्चायुक्त ने अपने डेलिगेशन के साथ राम मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति को भी देखा. 

श्री लंका के डिप्टी उच्चायुक्त ने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच आज नए सिरे से धार्मिक कड़ी जुड़ गई है. उन्होंने अयोध्या के लोगों को भी श्रीलंका की रामायण यात्रा के लिए आमंत्रित किया. बता दें, श्रीलंका का टूरिस्ट मंत्रालय रामायण काल से जुड़े धार्मिक महत्व के स्थलो के भ्रमण के लिए रामायण यात्रा का आयोजन करता है. जिसमें भारत से वहां जाने वाले पर्यटकों को रामायण यात्रा की सुविधा दी जाती है. 

आपको श्रीलंका के सीता एलिया अशोक वाटिका के बारे में बताते हैं. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान श्री राम मां सीता और लक्ष्मण के साथ जब वन को गए तो पंचवटी से मां सीता का रावण ने हरण कर लिया था. और उन्हें श्रीलंका के अशोक वाटिका जो आज सीता एलिया के नाम से जानी जाती है, वहां पर कैद करके रखा था. आज श्रीलंका में अशोक वाटिका स्थित सीता एलिया लाखों अशोक वृक्षों से सजी हुई सुंदर वाटिका है. यहां पर एक राम जानकी मंदिर भी है. इस मंदिर को लोग सीता अम्मन कोविल के नाम से जानते हैं.  ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर आज भी हनुमान जी के पैर का निशान मौजूद हैं. 

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