बाराबंकी का जमुरिया नाला नदी में तब्दील हो चुका है. जिसके चलते उसके आस पास के घरों में पानी भर चुका है. ऐसे में गंदगी और जलभराव से शहर की करीब ढाई लाख आबादी की परेशानियां बढ़ गई हैं. लोग घर की छतों पर रहने को मजबूर हैं. कचरे से पटी नालियों के कारण पानी की निकासी नहीं हो रही है.
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नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में बारिश के चलते शहर से लेकर गांव तक बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. खेत-खलिहान, तालाब, गलियां, ऑफिस सब बारिश के पानी से लबालब हैं. लोगों के घरों तक पानी भर गया है. जलनिकासी के इंतजाम नाकाफी साबित हुए हैं. बारिश के चलते राहत और बचाव के कार्य करने वाले कर्मचारी भी परेशान हैं.
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बारिश ने खोली प्रशासन के इंतजामों की पोल
इस बारिश ने प्रशासन के नाला सफाई के दावों और जलनिकासी के इंतजामों की हकीकत सामने ला दी है. वहीं मूसलाधार बारिश और तेज हवा के चलते बृहस्पतिवार को अलग-अलग स्थानों पर दीवार गिरने से पिता-पुत्र समेत छह लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा जिला कारागार बाराबंकी भी पानी से जलमग्न हो गया है.जेल अधीक्षक आवास में भी पानी भर गया है.
जमुरिया नाला नदी में तब्दील, घरों में भरा पानी
बाराबंकी का जमुरिया नाला नदी में तब्दील हो चुका है. जिसके चलते उसके आस पास के घरों में पानी भर चुका है. ऐसे में गंदगी और जलभराव से शहर की करीब ढाई लाख आबादी की परेशानियां बढ़ गई हैं. लोग घर की छतों पर रहने को मजबूर हैं. शहर में खाली स्थानों की बात तो दूर लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर सतरिख नाका चौराहा, दशहराबाग, आजाद नगर, विजय नगर, लखपेड़ाबाग, बड़ेल, नई बस्ती सहित अन्य स्थानों पर जल भराव है. कचरे से पटी नालियों के कारण पानी की निकासी नहीं हो रही है.
अस्पतालों, विद्यालयों और सरकारी कार्यालयों में बारिश का पानी भर जाने और रास्तों पर पेड़ गिर जाने से घंटों आवागमन बाधित है जिससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिले में इस साल में अब तक सबसे ज्यादा बारिश होने का दावा किया जा रहा है.
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