ट्रेन से मिली नाबालिग लड़कियों का मामला: बाल गृह भेजी गईं सभी बालिकाएं, CWC ने माना चाइल्ड ट्रैफिकिंग जैसा मामला
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नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: बिहार के समस्तीपुर से गुजरात के सूरत ले जाई जा रही छह नाबालिग बालिकाओं की ट्रेन में संदिग्ध अवस्था में बरामदगी का केस अब और भी ज्यादा पेचीदा हो गया है. दरअसल जीआरपी थाने से इन बालिकाओं को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया था. चाइल्ड लाइन ने सभी बालिकाओं को बाल कल्याण समिति/न्यायपीठ (CWC) के सामने पेश किया. जहां से फैसला सुनाते हुए उन्हें लखनऊ के बाल गृह भेज दिया गया है. साथ ही अब इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने की भी तैयारी है.
साथ ही जो दो संदिग्ध व्यक्ति इन छह लड़कियों को लेकर सूरत जा रहे थे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई के लिये CWC ने जीआरपी को लिखा है. CWC इस पूरे मामले को चाइल्ड ट्रैफिकिंग जैसा ही मानकर जांच कर रही है.
जानें क्या था पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला बीते शनिवार की देर रात का है, जब चाइल्ड लाइन को सूचना मिली थी कि अवध एक्सप्रेस में दो लोगों द्वारा कुछ बालिकाओं को संदिग्ध अवस्था में ले जाया जा रहा रहा है. सभी बच्चियां 6 से 10 साल की हैं और यह सभी बालिकाएं डरी-सहमी हुई हैं. इस पर चाइल्ड लाइन के निदेशक रत्नेश कुमार ने रात में ही जीआरपी थानाध्यक्ष अनूप कुमार के साथ ट्रेन से बच्चियों को बरामद करा लिया था.
हिरासत में दो लोग
जीआरपी ने सरताज और मोहम्मद अकबर नाम के दोनों व्यक्तियों को हिरासत में भी ले लिया था. दोनों ने खुद को बिहार के समस्तीपुर जिले का निवासी बताया था. एक व्यक्ति ने उनमें से खुद को एक लड़की का पिता बताते हुए कहा था कि सभी को सूरत के एक मदरसे में पढ़ाने के लिए ले जा रहे थे. वहीं जीआरपी ने इन बच्चियों के परिजनों को भी बुलवाया, जिसके बाद सभी बाराबंकी रेलवे स्टेशन पहुंच गए. फिर चाइल्ड लाइन ने बालिकाओं को बाल कल्याण समिति/न्यायपीठ (CWC) के सामने पेश किया. जहां लड़कियों को ले जा रहे दोनों लोगों और बालिकाओं के बयान अलग-अलग पाए गए.
चाइल्ड ट्रैफिकिंग को भेजा गया बाल गृह
वहीं सूरत में बालिकाओं के साथ कोई व्यस्क महिला न होने की बात भी पता चली. जिसके बाद CWC ने फैसला सुनाते हुए इस मामले को चाइल्ड ट्रैफिकिंग का मानते हुए उन्हें लखनऊ के बाल गृह भेज दिया है. साथ ही अब इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने की भी तैयारी है. साथ ही जो दो संदिग्ध व्यक्ति इन छह लड़कियों को लेकर सूरत जा रहे थे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई के लिये CWC ने जीआरपी को लिखा है.
वहीं चाइल्ड लाइन के निदेशक रत्नेश कुमार और CWC के सदस्य राजेश शुक्ला ने बताया कि बालिकाओं को बाल सुधार गृह भेजा गया है. जांच में यह मामला बहुत संदिग्ध पाया गया है. पुलिस को कार्रवाई के आदेश दिये हैं. इस संबंध में जीआरपी थानाध्यक्ष अनूप कुमार का कहना है कि न्यायपीठ के आदेश से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. आदेश मिलते ही मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जाएगी.
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