रिकवरी के डर से राशन कार्ड जमा करने पहुंचा दिव्यांग, बोला- साहब! हमको मिल रही पेंशन, हमारा कार्ड जमा कर लो
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रिकवरी के डर से राशन कार्ड जमा करने पहुंचा दिव्यांग, बोला- साहब! हमको मिल रही पेंशन, हमारा कार्ड जमा कर लो

बाराबंकी के जिला पूर्ति कार्यालय से लेकर तहसीलों में रोजाना राशन कार्ड सरेंडर करने वालों का तांता लग रहा है. अब तक हजारों लोग राशन कार्ड सरेंडर कर चुके हैं. इसी बीच जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय में राशन कार्ड सरेंडर करने वालों की भीड़ में एक दिव्यांग असीम अब्बास भी अपनी ट्राइसाइकिल से पहुंच गया. 

रिकवरी के डर से राशन कार्ड जमा करने पहुंचा दिव्यांग, बोला- साहब! हमको मिल रही पेंशन, हमारा कार्ड जमा कर लो

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: राशन कार्ड से मिल रही खाद्य सुरक्षा का आम जनता पर बेहद व्यापक प्रभाव पड़ा है. इसीलिए तो अब लोग अपना राशन कार्ड बचाने के लिए शस्त्र लाइसेंस तक भी जमा करने से पीछे नहीं हट रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर कार्रवाई के डर से कार्ड जमा करने वालों में होड़ मची हुई है. इसमें कई ऐसे पात्र भी रिकवरी के डर से राशन कार्ड जमा करने पहुंच रहे हैं, जो असल में सरकार की इस सुविधा के हकदार हैं. कुछ ऐसा ही मामला बाराबंकी जिले में भी सामने आया, जहां एक दिव्यांग अपना राशन कार्ड सरेंडर करने पहुंच गया. 

वसूली के डर से वापस करने पहुंचा था राशन कार्ड 
बाराबंकी के जिला पूर्ति कार्यालय से लेकर तहसीलों में रोजाना राशन कार्ड सरेंडर करने वालों का तांता लग रहा है. अब तक हजारों लोग राशन कार्ड सरेंडर कर चुके हैं. इसी बीच जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय में राशन कार्ड सरेंडर करने वालों की भीड़ में एक दिव्यांग असीम अब्बास भी अपनी ट्राइसाइकिल से पहुंच गया. फटे-पुराने कपड़े पहने दिव्यांग ने जिला पूर्ति अधिकारी डॉ. राकेश कुमार तिवारी को कार्ड सौंपते हुए जमा करने को कहा. उसने बताया कि किसी ने उसे कहा है कि वह दिव्यांग पेंशन पाता है इसलिए वह अपना राशन कार्ड जमा कर दे. नहीं तो उससे वसूली की जाएगी. इसी डर से वह चला आया. दिव्यांग बाराबंकी के कटरा मोहल्ले का रहने वाला है. 

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डीएसओ की बात सुन छलके खुशी के आंसू
वहीं, डीएसओ ने दिव्यांग की पुरानी ट्राइसाइकिल और उसकी दशा देखकर कहा कि तुम पात्र हो, जाओ तुम्हारा कार्ड नहीं कटेगा.  जिला पूर्ति अधिकारी ने दिव्यांग को समझाया कि वह किसी के कहने में ना आये, वह पात्र है. उसे राशन कार्ड जमा करने की जरूरत नहीं है. उनकी यह बात सुनकर दिव्यांग की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. डीएसओ ने स्पष्ट किया कि कार्ड सिर्फ वही लोग सरेंडर करें, जो अपात्र हैं. आयकरदाता, चार पहिया वाहन, ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, एसी, पांच किलोवाट या उससे अधिक क्षमता के जनरेटर, पांच एकड़ से ज्यादा सिंचित जमीन, एक से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस धारक, वार्षिक आय दो लाख से ज्यादा वाले लोग अपात्र हैं. यह अपना कार्ड सरेंडर कर दें.

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