समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे चौधरी हरमोहन सिंह यादव के परिवार के कुछ सदस्यों को भाजपा द्वारा अपने खेमे में लाने की पूरी तैयारी कर ली गई है. सोमवार को मुख्यमंत्री योगी चौधरी हरमोहन सिंह यादव की जन्म शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में शामिल होने कानपुर पहुंचेंगे.
Trending Photos
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Election 2022) से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) कानपुर में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को चौंकाने के मूड में है. समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे चौधरी हरमोहन सिंह यादव (Chaudhary Harmohan Singh Yadav) के परिवार के कुछ सदस्यों को भाजपा द्वारा अपने खेमे में लाने की पूरी तैयारी कर ली गई है. सोमवार को मुख्यमंत्री योगी चौधरी हरमोहन सिंह यादव की जन्म शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में शामिल होने कानपुर पहुंचेंगे.
मुलायम के बहुत करीबी रहे हरमोहन सिंह यादव
यहां चौधरी साहब के पुत्र सुखराम सिंह यादव (Sukhram Singh Yadav) सहित उनकी तीसरी पीढ़ी के युवा सदस्य भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम कर समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका दे सकते हैं. पूर्व सांसद चौधरी हरमोहन सिंह यादव की गिनती उन लोगों में की जाती थी जो समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के बेहद करीबी रहे. समाजवादी पार्टी संगठन की रीत और नीत क्या होगी, चुनावी रणनीति से लेकर मंत्रिमंडल के गठन तक की रणनीति चौधरी हरमोहन सिंह ही तय किया करते थे.
अखिलेश यादव की अजीबोगरीब आंकड़ेबाजी- बिना चुनाव ही समाजवादी पार्टी को दिलवा दे रहे 300 सीटें
उनके जन्म शताब्दी समारोह में आ रहे CM योगी
भाजपा ने सपा के इस मजबूत किले में सेंधमारी कर ली है. चौधरी हरमोहन सिंह यादव की तरह उनके पुत्र राज्यसभा सांसद सुखराम सिंह यादव भी सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल के बेहद करीबी रहे हैं. इस 18 अक्टूबर को अपने पिता की जन्म शताब्दी समारोह में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को निमंत्रित किया है. इस कार्यक्रम को लेकर राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई है.
CM योगी के फैन हैं चौधरी साहब के पोते मोहित
स्वतंत्र देव सिंह पहले ही कह चुके हैं कि सुखराम सिंह यादव का परिवार अब भाजना के साथ है. सुखराम सिंह यादव के बेटे चौधरी मोहित यादव ने एक बयान में कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए जा रहे अच्छे कामों की सराहना होनी चाहिए. युवा होने के नाते मैं सीएम योगी के कार्यों को पसंद करता हूं. मोहित के इस बयान के बाद यह तय माना जा रहा है कि वह भाजपा में शामिल होंगे. हालांकि, अपने पिता सुखराम सिंह यादव के भाजपा में शामिल होने को लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
BSP का प्रत्याशी बनने के लिए चार चरण की परीक्षा से गुजरना होगा, मायावती खुद लेंगी इंटरव्यू
अखिलेश की उपेक्षा से नाराज हैं सुखराम यादव
बीते 12 अक्टूबर को अखिलेश यादव ने सपा की विजय रथ यात्रा कानपुर से शुरू की थी. इस कार्यक्रम में भी राज्यसभा सांसद सुखराम सिंह यादव और उनके परिवार के सदस्यों ने दूरी बनाकर रखी थी. अखिलेश के हाथों में सपा की कमान आने के बाद से ही सुखराम खुद को पार्टी में काफी उपेक्षित महसूस कर रहे थे. उनके परिवार का कानपुर और आसपास की सीटों पर काफी प्रभाव है, ओबीसी वोट बैंक पर अच्छी पकड़ है. कानपुर नगर और देहात की लगभग सभी सीटों पर ओबीसी मतादाताओं की अच्छी खासी तादाद है. सुखराम सिंह अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं.
WATCH LIVE TV