विजय लाल यादव ( Vijay Lal Yadav ) ने कहा था कि 'जिस भाई को मैंने पाला है वो भाई जीतकर घर आता है. मेरा पैर छूता है तो मैं क्या कहूं ..हट जाओ तुम भारतीय जनता पार्टी के हो हमको छूना मत. क्या मैं बधाई नहीं दे सकता हूं उसको'.
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लखनऊ: आजमगढ़ से नवनिर्वाचित सांसद दिनेश लाल यादव (BJP MP Dinesh Lal Yadav) के बड़े भाई विजय लाल यादव ( Vijay Lal Yadav ) को सपा (Samajwadi Party) ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि दिनेश लाल यादव के साथ उनके घर पर पूजा पाठ में सम्मलित हुए थे. जिससे गाजीपुर जिले के सपा कार्यकर्ता आहत हैं.
विजय लाल यादव बोले- बीजेपी का टिकट फेंक दिया था
बता दें कि विजय लाल यादव बाराबंकी में हुए एक्सीडेंट से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर लाइव आकर कहा था कि 'दो तीन दिन से जिले में बड़ा ही भ्रामक स्थिति पैदा हो गई है. कुछ लोगों को मैं अच्छा नहीं लगता हूं. इसलिए वो कुछ लोग बार-बार ढूंढ रहे हैं कि विजय यादव में कुछ कमी दिख जाए कि इनके ऊपर हथौड़ा चला दिया जाए. उन्होंने कहा कि मैं वही हूं जिसे उत्तर प्रदेश चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था. मैंने टिकट फेंक दिया था. लड़ गया होता तो आज विधायक होता. मुझे भारतीय जनता पार्टी से एमपी, एमएलए नहीं बनना है. मेरे राजनीतिक गुरु मुलायम सिंह यादव हैं. मैंने कौन सी कुर्बानी नहीं दी. भाई लड़ रहा था अखिलेश जी के सामने मैंने डांट कर कहा था कि अखिलेश जी के सामने लड़ रहे हो तो सबसे पहले मेरे सामने लड़ना पड़ेगा. ऐसा कोई कर सकता है क्या?. ऐसा सिर्फ विजय लाल यादव ही कर सकता है'.
क्या मैं अपने भाई को आशीर्वाद नहीं दे सकता
सपा के पूर्व नेता विजय लाल यादव ने कहा कि 'मेरी तबीयत खराब थी, फिर भी मैंने धर्मेंद्र यादव के लिए आजमगढ़ में प्रचार किया. इसके लिए धर्मेंद्र यादव जी ने मुझे बधाई दिया. उन्होंने कहा कि आपके कमर में बेल्ट लगा हुआ है फिर भी आप पार्टी के लिए चल रहे हैं. ऐसा नेता बहुत कम होता है. मैं इसलिए घूम रहा था कि जिनको कुछ नहीं पता है, उनको बताने के लिए घूम रहा था. जो हमारे बारे में गलत सोचते हैं, उनको भी मैं हृदय से प्रणाम करता हूं. हमाा भाई चुनाव लड़ा हमारे (सपा) के खिलाफ...हमारी पार्टी हार गई और हमारी पार्टी कैसे हार गई... वहां पर भाजपा और बसपा का तालमेल था. गुड्डू जमाली को लड़ाकर मुसलमानों को चढ़ाकर हमारी पार्टी को हरा दिया गया. हमें इस बात का दुख है, लेकिन जिस भाई को मैंने पाला है वो भाई जीतकर घर आता है. मेरा पैर छूता है तो मैं क्या कहूं हट जाओ तुम भारतीय जनता पार्टी के हो हमको छूना मत. क्या मैं बधाई नहीं दे सकता हूं उसको...बधाई दे दिया... माला दे दिया...आशीर्वाद दे दिया...'
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