उत्तरप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ के हालात हैं. कई जगहों पर जन जीवन अस्तव्यस्त हो गय है. बाढ़ के प्रकोप से बच्चे भी अछूते नहीं है. बलिया में दो स्कूल बाढ़ में डूब गए तो वहां के शिक्षकों ने बच्चों की परेशानियों का हल निकालने का नायाब रास्ता खोज निकाला. पढ़ें पूरी रिपोर्ट
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मनोज चतुर्वेदी/बलिया: बलिया में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाकों के हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को हो रही है. बाढ़ क्षेत्र में बड़ी संख्या में बच्चे फंसे हुए हैं. ऐसे में बलिया के बेसिक शिक्षा विभाग ने अनूठी पहल की है. गोपालपुर एवं उदई छपरा प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को दुबे छपरा बांध पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पढ़ाया जा रहा है. इस दौरान बच्चों को दो समय का भोजन देने के साथ ही खेलकूद के लिए कैरमबोर्ड ,लूडो और शतरंज जैसे खेलों की सुविधा भी दी गई है.
मानसिक तनाव से मिल रही मुक्ति
शिक्षकों का कहना है कि बच्चे ऐसी परिस्थिति में तनाव से गुजरते हैं. लिहाजा बेसिक शिक्षा विभाग की यह पहल शैक्षिक कार्य के साथ बच्चों के स्वास्थ्य एवं मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखने का प्रयास है. बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रयास से एक ओर जहां आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चों को भोजन और पढ़ाई की सुविधा मिल रही है. इससे राहत एवं बचाव कार्यों को भी मजबूती मिल रही है.
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आपदा में अवसर
विद्यालय के सहायक अध्यापक अब्दुल वाहिद के मुताबिक यहां अस्थायी रूप से दो विद्यालय संचालित हैं. शिक्षण कार्य के साथ बच्चों के खेलने की व्यवस्था की गई है. विद्यालय जलमग्न हो चुका है, इसलिए बाढ़ पीड़ित बच्चों को कोई मानसिक तनाव न हो इसलिए ऐसा किया जा रहा है. आपदा में अवसर की बात हमने अक्सर सुनी होगी. बलिया में बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ शिक्षकों ने इस बात को सच कर दिखाया है. इससे यह भी तय होता है कि यदि इच्छा शक्ति को हो तो कम संसाधनों में भी बड़ी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है. जरूरत है ऐसे प्रयास प्रदेश के अन्य बाढ़ ग्रस्त इलाकों में भी किए जाने की.