Kaushambi: यहां का 'पानी' कुंवारों के लिए बना श्राप, गांव छोड़ने वालों का ही बसा घर! जानें क्या है हैरान करने वाला मामला
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Kaushambi: यहां का 'पानी' कुंवारों के लिए बना श्राप, गांव छोड़ने वालों का ही बसा घर! जानें क्या है हैरान करने वाला मामला

Kaushambi: यहां से लगभग तीन किलोमीटर दूर, दूसरे गांव से जाकर पीने का पानी लाना पड़ता है. ऐसे में जिस घर मे लड़के होते हैं वो तो आसानी से पानी ले आते हैं. जिनके घर पर कोई आदमी नहीं होता उनके लिए पानी लाना मुसीबत भरा होता है... 

Kaushambi: यहां का 'पानी' कुंवारों के लिए बना श्राप, गांव छोड़ने वालों का ही बसा घर! जानें क्या है हैरान करने वाला मामला

अली मुक्ता/कौशांबी: क्या आपने कभी सुना है कि पानी की वजह से किसी की शादी न हो, ऐसा ही एक गांव है जहां पर खारे पानी के चलते युवकों की शादी नहीं हो रही है. जी हां यूपी के कौशांबी जिले में एक गांव में पानी के चलते कई युवक कुंवारे हैं.  उम्र होने के बावज़ूद लड़कों की शादी नहीं हो पा रही है. ज़्यादातर लोग गांव छोड़कर बाहर बस गए हैं.  हर घर जल योजना आने के बाद अब लोगों को उम्मीद है कि उनका गांव एक बार फिर गुलज़ार होगा.

जानिए कहां का है पूरा मामला
सिराथू तहसील इलाके के 200 की आबादी वाला बराइन का पुरवा गांव में कई सालों से हैंडपंप खारा पानी उगल रहा है. गांव में मौजूद कुंआ मीठा पानी दे रहा था, लेकिन इधर 3, 4 वर्षों से यह भी दग़ा दे गया और खारा पानी देने लगा.  जिसके चलते स्थानीय लोगों के सामने पीने के पानी की बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई. यहां से लगभग तीन किलोमीटर दूर, दूसरे गांव से जाकर पीने का पानी लाना पड़ता है. ऐसे में जिस घर मे लड़के होते हैं वो तो आसानी से पानी ले आते हैं. जिनके घर पर कोई आदमी नहीं होता उनके लिए पानी लाना मुसीबत भरा होता है. गांव के ज़्यादातर लोग कमाने के लिए मुम्बई में रहते है. आलम ये है कि इस गांव के बच्चे सुबह स्कूल जाने से पहले पानी का इंतज़ाम करते हैं और फिर स्कूल जाते हैं.

गांव के स्थानीय लोगों ने बयां की पीड़ा
इसी गांव के रहने वाले पप्पू चौरसिया ने अपनी पीड़ा बयान करते हुए बताया कि, यहां पानी पीने योग्य नही है. पूरा पानी दूषित है. काफ़ी दूर से पानी लाना पड़ता है. इससे बड़े, बुजुर्ग और बच्चों को दिक्कत होती हैं.  हम लोग सरकार से ये चाहते है कि बगल में सिराथू टाउन एरिया है, वहां से अगर पानी आ जाए तो बहुत सुकून मिल जाए. हमारे गांव मे कोई शादी करने के लिए आता है तो वो  ये जानकर वापस लौट जाता है की हमारी बेटी इतने दूर पानी लेने नही जाएगी. सब से ज्यादा मुसीबत महिलाओं के लिए है. वो मजबूरी में पानी भरने जाती हैं. 

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महिलाओं-बच्चों को लाना पड़ता है पानी
गांव के बच्चे साइकिल पर प्लास्टिक का डब्बा बांधकर पानी भरने लगभग 3 किलो मीटर जाते हैं. पानी लाने के लिए सब से ज़्यादा दिक्कत बुजुर्ग महिलाओं को होती है. जिंदगी बचाने के लिए, वो भी लड़खड़ाते कदमों से पीने के पानी का इंतज़ाम करती हैं. उनकी सरकार से सिर्फ एक ही मांग है कि किसी तरह पीने के पानी का जुगाड़ हो जाए. यह विलेज डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पैतृक घर से महज 3 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है.

जल निगम के सहायक अभियंता ने कहा-जल्दी दूर होगी परेशानी
जल निगम के सहायक अभियंता राजीव सिंह ने बताया कि सिराथू के बरइन का पुरवा गांव मे खारा पानी की शिकायत हमें भी मिली. लेकिन अब जल जीवन मिशन के द्वारा काम हो रहा है. इससे जो लोग अभी तक हैंडपंप या दूसरे स्रोतों से पानी मिल रहा है उसमें कहीं- कहीं खारा पानी आ रहा है. उन्होंने बताया कि ये शिकायत इस गांव के अलावा कहीं और नही मिली है. हर घर नल से जल योजना के तहत जल्द ही इस गांव को जल मिलेगा. खारे पानी की समस्या दूर हो जाएगी और सभी को स्वच्छ पानी मिलेगा.

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