Saharanpur: सहारनपुर में तहसील सहारनपुर रोड पर एक मंदिर है.. जहां मंदिर में दाखिल होते ही आपको भैरव देव के दर्शन होते हैं...उन्हीं के साथ काली माता भी विराजमान हैं... पास में ही शनिदेव की शिला है. मां भगवती भी यही विराजमान हैं... लक्ष्मी-श्री विष्णु संग यहा शिव परिवार भी मौजूद है.
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नीना जैन/सहारनपुर: घटस्थापना के साथ ही चैत्र नवरात्रि शुरू हो गए हैं. दुर्गाशप्तसती पाठ के साथ शहर के मंदिरों में धूम मची हुई है. नवरात्रि में मां के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है. यूपी के सहारनपुर में एक ऐसा मंदिर है जहां पर मां भगवती के सारे रूपों के दर्शन कर सकते हैं. इसके अलावा कई पूज्य देवी-देवता भी एक छत के नीचे मौजूद हैं. नवरात्रि के दिनों में यहां पर लोगों की भीड़ लगी रहती है. लोग अपनी मन्नत मांगने के लिए यहां पर ज्योत जलाते हैं. आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में...
एक छत के नीचे मां के नौ रूपों के साथ अन्य देवी-देवताओं के दर्शन
मां के अलग-अलग रूप देश के अलग-अलग स्थानों पर विराजमान हैं. माता के इन रूपों को देखने ,दर्शन करने और आशीर्वाद पाने के लिए श्रद्धालु वहां जाते हैं. लेकिन अगर हम कहें सहारनपुर में एक ऐसा मंदिर जहां आप मां के नौ रूपों के दर्शन करने के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं के दर्शन भी एक ही छत के नीचे कर सकते हैं तो आप कहेंगे कहां... सहारनपुर में तहसील सहारनपुर रोड पर एक मंदिर है जहां मंदिर में दाखिल होते ही आपको भैरव देव के दर्शन होते हैं. उन्हीं के साथ काली माता भी विराजमान हैं. पास में ही शनि देव की शिला है. मां भगवती भी यही विराजमान हैं. लक्ष्मी-श्री विष्णु संग यहा शिव परिवार भी मौजूद है.
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मंदिर में शिव परिवार भी मौजूद
बगलामुखी मां के दर्शन के बाद माता के नौ रूप यहां देखने को मिलते हैं. मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यानी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री के रूप में अलग-अलग विराजमान हैं. माता के नौ रूप एक जगह ही देखने को मिलते हैं और इनकी आराधना करने के लिए यहां लगातार श्रद्धालु आते हैं. मां सरस्वती के दर्शन भी यहां कर सकते हैं. नवग्रह भी यहीं है. शिवलिंग पर जल चढ़ाकर श्रद्धालु शिव परिवार के दर्शन करते हैं.
216 अखंड ज्योत प्रज्ज्वलित
किसी मंदिर में नवरात्रि में मां की महिमा का गुणगान करते और उनका आशीर्वाद पाने के लिए अखंड ज्योत जलाई जाती है . यहां पर 216 अखंड ज्योत प्रज्ज्वलित हैं. यह ज्योत विश्वास-श्रद्धा की प्रतीक है. श्रद्धालु यहां पर अपनी-अपनी मन्नत का अखंड दीपक जलाते हैं. यह परंपरा हर नवरात्रि में निभाई जाती है. आज भी यह सिलसिला लगातार जारी है.
मां भगवती की प्रतिमा के साथ पिंडी रूप के भी दर्शन
मंदिर के पंडित आयुष ने बताया कि यहां पर माता के नौ रूपों को देखने के लिए शाम के समय श्रद्धालु की बेइंतहा भीड़ होती है. रात के समय यहां पूजा और आरती भी होती है. इसके अलावा रोज मां भगवती का अभिषेक होता है. यहां मां भगवती प्रतिमा के साथ-साथ पिंडी के रूप में भी विराजमान हैं.
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