Custodial Death in Kanpur: व्यापारी के शरीर पर लाठियों के दो दर्जन निशान, खाकी के साथ सवालों के घेरे में धरती के भगवान
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Custodial Death in Kanpur: व्यापारी के शरीर पर लाठियों के दो दर्जन निशान, खाकी के साथ सवालों के घेरे में धरती के भगवान

Custodial Death in Kanpur: कानपुर देहात में व्यापारी के शरीर पर लाठियों के दो दर्जन निशान मिले थे. खाकी के साथ सवालों के घेरे में धरती का भगवान यानी डॉक्टर भी हैं...  

Custodial Death in Kanpur: व्यापारी के शरीर पर लाठियों के दो दर्जन निशान, खाकी के साथ सवालों के घेरे में धरती के भगवान

आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात: यूपी के कानपुर देहात में पुलिस बर्बरता का शिकार हुआ व्यापारी बलवंत की मौत के बाद उसके गांव में सन्नाटा पसरा है. इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन के साथ ही स्वास्थ्य महकमे में भी सन्नाटा पसरा हुआ है. ऐसे बहुत से सवाल हैं जिन सवालों और जवाबदारी के बीच पुलिस विभाग और स्वास्थ्य महकमा फंसता नजर आ रहा है. मृतक के परिजनों का मामना है कि इस घटना में पटकथा लिखने में जितने दोषी पुलिसकर्मी हैं उतने ही स्वास्थ विभाग भी है. आइए बताते हैं पूरा मामला.

सवालों के घेरे में स्वास्थ विभाग 
दरअसल, मृतक बलवंत के परिजनों के द्वारा दी गई तहरीर के उन्होंने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के पर संदेह जाहिर किया है. वहीं, स्वास्थ्य महकमे के सूत्रों की मानें तो बलवंत की हत्या मामले में पुलिस को बचाने की पटकथा, जिला अस्पताल में भी लिखी जा रही थी. थाने में बलवंत की हत्या मामले को छिपाने के लिए खूब खेल हुआ. जहां परिजनों को उसके शिवली थाने में होने की जानकारी दी गई. वहीं, उसे रात पुलिस बलवंत के शव को लेकर इधर-उधर भटक रही थी, फिर पुलिस टीम जिला अस्पताल लेकर पहुंची.

सीएमएस ने अल्पकालिक अवकाश की दी थी स्वीकृत
सूत्रों के मुताबिक जिला अस्पताल में उस वक्त आकस्मिक ड्यूटी पर तैनात डॉ निशांत पाठक ने भी भर्ती करने से इंकार कर दिया था. पुलिस के दबाव के चलते आकस्मिक ड्यूटी पर तैनात डॉ निशांत ने थोड़ी देर के बाद बीमार होने का प्रार्थना पत्र सीएमएस को दे दिया. इसके बाद सीएमएस की तरफ से अल्पकालिक अवकाश भी स्वीकृत कर लिया गया. इसके बाद आकस्मिक ड्यूटी पर दूसरे डॉक्टर पवन को लगाया गया और दूसरे डॉक्टर पवन ने बलवंत को भर्ती कर प्राथमिक उपचार करना शुरू कर दिया और थोड़ी देर के बाद कानपुर देहात से कानपुर नगर के हैलट रिफर करने का पर्चा भी बना दिया पर्चा बनने के कुछ ही देर के बाद ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पवन ने बलवंत को मृत घोषित कर दिया.

इमरजेंसी ड्यूटी पर बदले डॉक्टर
सूत्र बताते हैं कि यह पूरा खेल रात्रि 12  बजे तक चला और थोड़ी देर के बाद इमरजेंसी ड्यूटी पर आए डॉ पवन ने मीडिया को बयान जारी करते हुए बताया कि पुलिस टीम के द्वारा एक युवक को लाया गया था. उसके सीने में बहुत दर्द था उसकी स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके चलते उसे हैलट रिफर किया गया था, लेकिन हैलट जाने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई. युवक को पुलिस टीम लेकर आई थी. उस समय युवक के साथ उसके घर का कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था.

कुछ ही घंटों में ठीक हो गए डॉक्टर 
घटना के दिन देर रात अचानक बीमार हुए डॉक्टर निशांत ठीक होकर सुबह ड्यूटी पर भी पहुंच गए. सूत्र बताते हैं कि छुट्टी लेकर घर गए डॉक्टर निशांत पाठक जब किसी के दबाव में नहीं आए. उन्होंने गलत कार्य करने से मना कर दिया तो उन्हें जबरिया छुट्टी देकर घर भेज दिया गया था. स्वास्थ्य महकमे के सूत्र बताते हैं कि उस रात जिला अस्पताल पर अधिकारियों का बड़ा दबाव था पर किसका था यह अभी भी पहली बना हुआ है.

दूसरे डॉक्टर भी हुए अचानक बीमार 
जिला अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर निशांत पाठक के अचानक बीमार होने के बाद उनकी जगह पर इमरजेंसी ड्यूटी पर पहुंचे डॉक्टर पवन ने बुधवार को पूरे दिन जिला अस्पताल में मौजूद रहे और ड्यूटी करते रहे लेकिन पुलिस पर मुकदमा दर्ज होने के बाद मुकदमे में डॉक्टर पर भी परिवार की तरफ से संदेह जताए जाने की जानकारी होने के बाद से डॉ पवन पार्या भी अचानक बीमार हो गए और उन्होंने व्हाट्सएप के माध्यम से सीएमएस को छुट्टी का प्रार्थना पत्र भी भेजा दिया।जिसके बाद से स्वास्थ्य महकमे में भी डॉ पवन को लेकर चर्चाओं का जोर गरम है.

क्या बोले सीएमएस
इस मामले में कानपुर देहात जिला अस्पताल के सीएमएस मनोज कुमार निगम ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 12 दिसंबर की रात लगभग 9 बजे के डॉक्टर निशांत पाठक का फोन आया कि सर मेरी तबीयत खराब हो गई है. मैं कुछ देर के लिए आराम करना चाहता हैं, जिसको लेकर मेरे द्वारा कहा गया कि अपने सीनियर ड्यूटी डॉक्टर अशोक से बात करके जानकारी दे दो. जिसके थोड़ी देर बाद उसने व्हाट्सएप पर छुट्टी का प्रार्थना पत्र डाल दिया. इसके बाद डॉक्टर निशांत पाठक की जगह डॉक्टर पवन ड्यूटी करने लगे.

सीएमएस ने दी बताया 
जब मैं सुबह उठा तो मुझे पूरे घटनाक्रम की जानकारी हुई, तो मैंने तत्काल डॉक्टर पवन पार्या से बात करी और जानकारी ली तो उनके द्वारा चेस्ट पेन की जानकारी दी गई थी और गंभीर स्थिति होने की भी बात बताई गई लिखा पढ़ी के हिसाब से 11:15 पर बलवंत को लाया गया था. बीस मिनट के बाद रिफर का पेपर लगा दिया गया था. उन्होंने बताया कि लेटर में 11 तारीख क्यों लिखी गई है, इसकी जांच कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि डॉक्टर निशांत पाठक दूसरे दिन ड्यूटी पर आए थे. वहीं, डॉ पवन पार्या ने छुट्टी का प्रार्थना पत्र व्हाट्सएप पर डाला था. जिसे मैंने स्वीकार नहीं किया है आज वह अस्वीकृत छुट्टी पर है. जिला अस्पताल के सीएमएस मनोज निगम ने बताया कि डॉ पवन पार्या के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन लेटर भेजा गया हैं.

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