कुशीनगर संयुक्त जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी में 2 नवंबर की रात करीब 12.25 बजे एक घायल को उपचार के लिए लाया गया था. कर्मचारियों ने बरती थी लापरवाही. घटना का वीडियो भी वायरल हो गया था.
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अजीत सिंह/लखनऊ : पिछले दिनों सड़क हादसे में घायल को उचित उपचार न मिलने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वायरल वीडियो का उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया. इस पर उन्होंने अधिकारियों को जांच के आदेश दिए. जांच में आरोप प्रथम दृष्टया सही प्रतीत हुए. लिहाजा उप मुख्यमंत्री ने संविदा पर तैनात छह डॉक्टर-कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. वहीं, मामले में विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं.
2 नवंबर की है घटना
दरअसल, 2 नवंबर की रात करीब 12.25 बजे कुशीनगर संयुक्त जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी में पगरा थाना हाटा निवासी धर्मपाल को लाया गया. पुलिस ने धर्मपाल को भर्ती कराया, उस समय इमरजेंसी में डॉ. उज्जवल सिंह चिकित्साधिकारी (संविदा), डॉ. नीरज पांडेय बालरोग विशेषज्ञ, अरविंद शर्मा फार्मासिस्ट, सुनील कुशवाहा, राम आशीष संविदा स्टाफ नर्स, विजय बहादुर, मनहरण शुक्ला वार्ड ब्वॉय, अर्जुन, मुकेश स्वीपर एवं होमगार्ड बलराम यादव ड्यूटी पर तैनात थे.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था वीडियो
डॉक्टरों ने मरीज को देखा और कागजी कार्यवाही पूरी की. प्राथमिक इलाज के बाद मरीज को करीब तीन बजे गोरखपुर स्थित बीआरडी कॉलेज रेफर कर दिया गया. इमरजेंसी में डॉक्टर और कर्मचारियों ने मरीज के इलाज में लापरवाही बरती. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसमें लापरवाही साफ-साफ दिख रही है. इसके आधार पर डिप्टी सीएम ने मामले में जांच के आदेश दिए थे.
ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों ने लापरवाही बरती
जांच में आरोप सही पाए गए. शुरुआती जांच के आधार पर चिकित्साधिकारी एवं कर्मचारियों की मरीजों के प्रति लापरवाही एवं संवेदनहीनता परिलक्षित होती है, जिसके लिए वे सभी पूर्णतया दोषी हैं. तथ्यों एवं अभिलेखों के परीक्षण से स्पष्ट होता है कि ड्यूटी पर उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा घायल मरीज के उपचार को गंभीरता से नहीं लिया गया और इनके द्वारा अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से न नहीं किया गया.
बोले डिप्टी सीएम, किसी को बख्शा नहीं जाएगी
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि विभाग की छवि को धूमिल करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. कुशीनगर की घटना बेहद गंभीर है. जांच के बाद उस समय ड्यूटी पर तैनात अधिकारी एवं कर्मचारी पूर्णतया दोषी हैं. लिहाजा ड्यूटी पर तैनात छह कर्मचारी तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिए गए. अन्य दोषी चिकिसाधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ शासन स्तर पर कार्रवाई की जा रही है. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.