नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 1 दिसंबर को नई दिल्ली से पेपरलेस डीजी यात्रा (Digi Yatra) सेवा का शुभारंभ करेंगे. इस सेवा के शुरू होने से हवाई यात्रियों को 50 फीसदी समय की बचत होगी.
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जय पाल/वाराणसी : हवाई सफर करने वालों के लिए अच्छी खबर है. वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कल यानी 1 दिसंबर से बोर्डिंग पास साथ लेकर चलने की आवश्यकता नहीं होगी. दरअसल, 1 दिसंबर को नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया नई दिल्ली से पेपरलेस डीजी यात्रा (Digi Yatra) सर्विस का वर्चुअली उद्घाटन करेंगे. इसे पहले चरण में देश के 3 शहरों में शुरू किया जा रहा है. इसमें वाराणसी, बेंगलुरु और दिल्ली शामिल है. इस सुविधा से यात्रियों को समय की काफी बचत होगी. साथ ही कई तरह के कागजात लेकर चलने से भी निजात मिलेगी.
बोर्डिंग पास साथ लेकर चलने से मिलेगा छुटकारा
बताया गया कि डीजी यात्रा शुरू होने के बाद यात्रियों को अपना पहचान पत्र और बोर्डिंग पास लेकर चलने की आवश्यकता नहीं होगी. यात्रियों को फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी के जरिए एयरपोर्ट पर प्रवेश मिलेगा. वाराणसी एयरपोर्ट की निदेशक आर्यमा सान्याल ने बताया कि कोई भी यात्री जो हवाई सफर करना चाहता है वह अपने घर से ही डिजी यात्रा ऐप के जरिए बुकिंग कर सकता है. इससे उसकी 50 फीसदी समय की बचत होगी.
एयरपोर्ट पर स्पेशल डीजी गेट तैयार
वाराणसी एयरपोर्ट की निदेशक आर्यमा सान्याल ने बताया कि एयरपोर्ट पर एक स्पेशल डीजी गेट बनाया गया है. ऐप पर बुकिंग के समय यात्रियों को वहीं पर एक यूनिक आईडी मिलेगी. इससे फेस रिकॉग्निशन कैमरे के जरिए उन्हें एयरपोर्ट पर जाने दिया जाएगा वह भी बिना किसी रोक-टोक के. इस सुविधा की मदद से उन्हें पहले की तरह बाकी प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना होगा.
ऐसे करेगा काम
आर्यमा सान्याल ने बताया कि प्रवेश के समय गेट पर लगे टिकट स्कैनर के सामने टिकट रखा जाएगा. इससे एयरलाइंस के डेटाबेस से मिलान करने के बाद पैसेंजर को आगे चेहरे और आइरिस के जांच की अनुमति दी जाएगी. फेस स्कैनर और आइरिस स्कैनर से पैसेंजर के चेहरे और आइरिस को स्कैन किया जाएगा. इसके बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के ऑनलाइन डेटाबेस से पैसेंजर के डेटा जैसे चेहरे और आइरिस का मिलान होगा. सभी जानकारियां सही मिलने पर गेट आटोमैटिक खुल जाएगा और पैसेंजर को अंदर प्रवेश मिल जाएगा.
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जानें क्या है डीजी यात्रा
डीजी यात्रा हवाई अड्डों पर यात्रियों की कॉन्टैक्टलेस और निर्बाध प्रसंस्करण सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन की गई एक पहल है. यह चेहरे से पहचान करने की तकनीक (FRT) पर आधारित है. साफ शब्दों में कहे तो यह व्यवस्था किसी भी यात्री को पेपरलेस और कॉन्टैक्टलेस प्रक्रिया का उपयोग करने में सक्षम बनाती है. इससे यात्री हवाई अड्डे पर कई बार की चेकिंग से बच सकेंगे. साथ ही चेहरे की पहचान से मात्र से प्रवेश मिल जाएगा.