Earth Hour Day 2023 : आज एक घंटे के लिए अंधेरे में डूब जाएगी दुनिया, जानें क्यों हो जाएगी घर की बत्ती गुल
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Earth Hour Day 2023 : आज एक घंटे के लिए अंधेरे में डूब जाएगी दुनिया, जानें क्यों हो जाएगी घर की बत्ती गुल

Earth Hour Day 2023 : दुनियाभर में पहली बार अर्थ आवर डे 31 मार्च 2007 को सिडनी में बनाया गया. इसके बाद धीरे-धीरे इस अभियान का हिस्‍सा कई देश बनते गए. आज दुनियाभर के 172 देशों में अर्थ आवर डे मनाया जाता है. 

Earth Hour Day 2023 : आज एक घंटे के लिए अंधेरे में डूब जाएगी दुनिया, जानें क्यों हो जाएगी घर की बत्ती गुल

Earth Hour Day 2023 : भारत समेत पूरी दुनिया आज एक घंटे के लिए अंधेरे में डूब जाएगी. 25 मार्च को रात 8:30 से 9:30 बजे तक अर्थ आवर डे (Earth Hour Day) के रूप में मनाया जाएगा. इस दौरान ऊर्जा संरक्षण के लिए लोग 1 घंटे तक अपने घरों और दफ्तरों में लाइट बंद कर देते हैं. इस दिन बिजली की बेवजह बर्बादी को रोकने की अपील की जाती है. 

8:30 से 9:30 तक एक घंटे बचाएं बिजली 
दरअसल, हर साल मार्च के आखिरी शनिवार को दुनियाभर में अर्थ आवर डे (Earth Hour Day) मनाया जाता है. दुनिया में लोगों को प्रकृति और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक करने के उद्देश्‍य से हर साल ये दिन सेलि‍ब्रेट किया जाता है. ऐसे में आपभी आज एक घंटे के लिए लाइट स्‍वेच्‍छा से बंद रखकर इस पहल में योगदान दे सकते हैं. 

जानें क्‍या है अर्थ आवर (Earth Hour) डे
वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर संस्‍था की ओर से हर साल अर्थ आवर (Earth Hour) डे को दुनियाभर में मनाया जाता है. इसके तहत दुनियाभर के लोग 1 घंटे के लिए बिजली की खपत को बंद कर देते हैं. हर साल करोड़ों की संख्‍या में लोग इस कार्यक्रम का हिस्‍सा बनते हैं. कार्यक्रम की शुरुआत रात 08:30 बजे होगी. अगर आप भी इस पहल का हिस्‍सा बनना चाहते हैं तो रात 8.30 से 9.30 बजे के बीच स्वेच्छा से अपने घरों और दफ्तर में गैर जरूरी बिजली उपकरणों को बंद रख सकते हैं. 

मानव भविष्‍य को बेहतर बनाना उद्देश्‍य 
इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य प्रकृति के नुकसान को रोकना है. साथ ही मानव के भविष्‍य को बेहतर बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना है. हर साल इस दिन एक घंटे के लिए बिजली बचाने का असर लोगों को भविष्‍य में लंबे समय तक दिखेगा. अगर अकेले देश की राजधानी दिल्‍ली की बात करें तो पिछले साल एक घंटे लाइट बंद करके 171 मेगावॉट बिजली की बचत की गई थी. 

दुनिया के इन देशों के लोग लेते हैं हिस्‍सा 
बता दें कि दुनियाभर में पहली बार अर्थ आवर डे 31 मार्च 2007 को सिडनी में बनाया गया. इसके बाद धीरे-धीरे इस अभियान का हिस्‍सा कई देश बनते गए. आज दुनियाभर के 172 देशों में अर्थ आवर डे मनाया जाता है. 

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