कानपुर के तीन बुजुर्गों की आंखों में गंभीर संक्रमण देखने को मिला है. जिसने उनकी आंखों की रोशनी ही छीन ली.
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श्याम तिवारी/कानपुर: कानपुर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने पर 6 लोगों की आंखों की रोशनी जाने के मामले में बुजुर्गों का इलाज लगातार हैलट अस्पताल में चल रहा है. आंखों की रोशनी गंवाने वाले बुजुर्गों की आंखों में संक्रमण रुक गया है. इनमें से 3 बुजुर्गों की आंखें निकालनी पड़ सकती हैं. दरअसल इन बुजुर्गों की आंखों में गंभीर संक्रमण मिला है. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के कल्चर टेस्ट में बुजुर्गों की आंखों में बैक्टीरियल संक्रमण देखने को मिला है.
डिटेल कल्चर रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो जाएगा कि बुजुर्गों की आंखों में कौन सा बैक्टीरिया पनपा. जिसने उनकी आंखों की रोशनी ही छीन ली. नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर परवेज खान का कहना है कि 3 बुजुर्गों में संक्रमण अंदर तक पहुंचा हुआ है. हालाकि संक्रमण का बढ़ना अब रुक गया है. किसी भी तरह के जोखिम से बचने के लिए तीनों की आंखों को निकालने की नौबत आ सकती है. जब बुजुर्ग अनुमति देंगे तभी उनको आंखों को निकाला जा सकेगा.
फिलहाल दवाओं से ही संक्रमण रोका जा रहा है. कल्चर टेस्ट के बाद यह पता चला है कि आंखों में बैक्टीरिया इंफेक्शन है. संक्रमण का पूरा ब्यौरा रिपोर्ट आने पर पता चलेगा. बर्रा में स्थित आराध्या अस्पताल में आई कैंप लगाकर बुजुर्गों के आंखों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया था. जिनमें से 6 बुजुर्गों की आंखों की रोशनी चली गई थी, जिसके बाद जहां अस्पताल को लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया. वहीं आरोपी डॉक्टर के साथ एक अन्य पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की निगरानी में हैलट अस्पताल में बुजुर्गों का इलाज चल रहा है.
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