Govardhan Puja 2022: आज नहीं, कल मनाया जाएगा गोवर्धन पूजा या अन्नकूट, फटाफट जानें कितने घंटे रहेगा शुभ मुहूर्त
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Govardhan Puja 2022: आज नहीं, कल मनाया जाएगा गोवर्धन पूजा या अन्नकूट, फटाफट जानें कितने घंटे रहेगा शुभ मुहूर्त

Govardhan Puja: हर साल दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाते हैं, लेकिन इस साल ऐसा नहीं है. 

Govardhan Puja 2022: आज नहीं, कल मनाया जाएगा गोवर्धन पूजा या अन्नकूट, फटाफट जानें कितने घंटे रहेगा शुभ मुहूर्त

Govardhan Puja 2022: दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है.  इसे देश के कुछ हिस्सों में अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं. लेकिन इस साल सूर्यग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन नहीं होगी. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा के दिन 56 या 108 तरह के पकवानों का श्रीकृष्ण को भोग लगाना शुभ माना जाता है. इन पकवानों को 'अन्नकूट' कहते हैं.

गोवर्धन पूजा या अन्नकूट कब मनाते हैं?
गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है. अन्नकूट को दिवाली के ठीक अगले दिन मनाते हैं. लेकिन इस साल सूर्यग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इसी दिन भाईदूज का भी त्योहार मनाया जाएगा.

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त

गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त 
सुबह 6 बजकर 29 मिनट  से  सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक 
अवधि-2 घंटे 14 मिनट

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ
अक्टूबर 25, 2022 को शाम 4 बजे से 18 मिनट तक

प्रतिपदा तिथि समाप्त 
अक्टूबर 26, 2022 को  दोपहर 2 बजे से 42 मिनट तक

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गोवर्धन पूजा विधि 
गोवर्धन पूजा (Govardhan puja 2022) के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने निवृत हो जाएं. इसके बाद शुभ मुहू्र्त में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं. फिर गाय, बछड़े आदि की आकृति भी बनाएं. इसके बाद धूप-दीप इत्यादि से विधिवत पूजन करें. भगवान कृष्ण को दूध से अभिषेक करें और उनका पूजन करें. इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाएं. पूजन के दौरान देवता को दीपक, फूल, फल, दीप और भोग अर्पित करें. अंत में श्रीकृष्ण की आरती करते हुए पूजन का समापन करें और प्रसाद वितरण करें. 

जानें क्यों करते हैं गोवर्धन पूजा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेतायुग में भगवान इंद्र ने बृजवासियों से नाराज होकर खूब मूसलाधार बारिश की थी. सब गांव वाले कान्हा के पास मदद मांगने के लिए गए थे. उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर बृजवासियों को बचाया था. पर्वत के नीचे भगवान श्रीकृष्ण ने सभी को सुरक्षा दी थी. तभी से भगवान श्रीकृष्ण को गोवर्धन के रूप में पूजा जाता है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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