Hathras Kand: हाथरस कांड में एससटी- एसटी कोर्ट की ओर से कल बड़ा आदेश आया..इस मामले में एक आरोपी को गैरइरादतन हत्या का दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई.. वहीं, इस केस में गैंगरेप का मामला साबित नहीं होने के बाद तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया...
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प्रमोद कुमार/अलीगढ: हाथरस बहुचर्चित बिटिया प्रकरण गुरुवार को एससी- एसटी कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए चार आरोपियों में से एक आरोपी संदीप को दोषी माना और उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि तीन को बरी कर दिया, लवकुश, राम कुमार उर्फ रामू और रवि शुक्रवार को अलीगढ़ जिला जिला कारागार से रिहा हो गए हैं.उनकी रिहाई के दौरान भारी तादात में जेल के बाद पुलिस फोर्स और उनके समर्थक मौजूद रहे.
दरअसल आपको बता दें, हाथरस बहुचर्चित हत्याकांड में गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, जिसमें 4 में से एक को दोषी ठहराया और तीन आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया, कोर्ट ने मुख्य आरोपी संदीप को गैर इरादतन हत्या और एससी -एसटी एक्ट में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई, तो वहीं इस मामले में दोषमुक्त किए गए किए गए लवकुश, राम कुमार और रवि के परिवार के लोग कोर्ट के इस फैसले से संतुष्ट हैं.
गौरतलब है कि 14 सितंबर 2020 को हाथरस जनपद के एक गांव में एक दलित युवती के साथ दुष्कर्म और जान से मारने की कोशिश की गई थी. इसके बाद इलाज के दौरान युवती की दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई. घटना के बाद परिजनों की इच्छा के विपरीत रात्रि में ही उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इसके बाद मामला काफी सुर्खियों में रहा. इस मामले में 2 अक्टूबर को शासन ने तत्काल एसपी और सीओ सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था और 2 दिन बाद ही मामले की सीबीआई जांच कराने का निर्णय लिया गया.
सीबीआई ने 11 अक्टूबर से इस मामले की जांच पड़ताल की और 18 दिसंबर 2020 को विशेष न्यायालय एससी -एसटी एक्ट में अभियुक्त संदीप, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. इस मामले में सीबीआई ने 105 गवाह बनाए थे, जिसमें से बिटिया के माता- पिता और भाई सहित 35 लोगों की गवाही हुई थी, अभियुक्तों पर 376, 376डी, 302, 3(2) बी की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था.
वहीं इस मामले में जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार का कहना है चार कुल मुलजिम थे, जिनमें से तीन की रिहाई हुई है और संदीप आजीवन कारावास में है. बाकी तीन दोष मुक्त हो चुके हैं. इनकी रिहाई आज सुबह कर दी गई है. कल इनकी रिहाई इसलिए नहीं की गई कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पत्र दिया था कि मेरी रिहाई नहीं की जाए सुरक्षा को खतरा है रिहाई लेट रही थी, इसलिए कल रिहा नहीं किया गया . इसलिए उनके प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए आज सुबह 8:00 बजे रिहा किया गया है.
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