IGAS 2021: पहाड़ों पर मची इगास की धूम, जानें क्यों मनाई जाती है 'बूढ़ी दिवाली'?
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IGAS 2021: पहाड़ों पर मची इगास की धूम, जानें क्यों मनाई जाती है 'बूढ़ी दिवाली'?

हल्द्वानी में ईगास पर्व पर बड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां पर केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने 501 दीये जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दौरान सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. छोलिया नृत्य और लोक संस्कृति के कार्यक्रमों में दर्शकों के बीच शमा बांध दिया जिसमें महिलाओं में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.

IGAS 2021: पहाड़ों पर मची इगास की धूम, जानें क्यों मनाई जाती है 'बूढ़ी दिवाली'?

देहरादून: उत्तराखंड में आज इगास पर्व की धूम है लिहाज़ा जगह जगह कई बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. राज्य में आज इगास का पर्व मनाया जा रहा है. हल्द्वानी में ईगास पर्व पर एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां पर केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने 501 दीये जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दौरान सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. छोलिया नृत्य और लोक संस्कृति के कार्यक्रमों में दर्शकों के बीच शमा बांध दिया जिसमें महिलाओं में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. 

इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि अपनी संस्कृति को बचाए रखने और बढ़ाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम बेहद जरूरी है. हल्द्वानी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आतिशबाजी भी की गई, इगास का पर्व दीपावली के बाद 11वें दिन को मनाया जाता है. इगास बग्वाल पर्व उत्तराखंड के बड़े लोक पर्वों में एक है.इस पर्व को दिवाली के 11 दिन बाद दिवाली की तरह ही मनाते हैं.

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उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति का प्रतीक लोकपर्व इगास पर अब अवकाश की जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने ट्ववीट कर दी थी. इससे पहले इसे लेकर सोशल मीडिया में अभियान चलाया जा रहा था. सीएम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इगास पर अवकाश की बात ट्विटर पर शेयर की थी. खास बात है कि सीएम ने गढ़वाली में ट्वीट करते हुए लिखा-उत्तराखण्ड की समृद्ध लोकसंस्कृति कु प्रतीक लोकपर्व ‘इगास’ पर अब छुट्टी रालि। हमारू उद्देश्य च कि हम सब्बि ये त्यौहार तै बड़ा धूमधाम सै मनौ, अर हमारि नई पीढी भी हमारा पारंपरिक त्यौहारों से जुणि रौ.

 

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AAP ने की थी 'इगास' के लिए अवकाश की मांग

गौरतलब हो कि आप पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस कॉफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि, इगास उत्तराखंड का पारंपरिक त्योहार है,और इस दिन सभी आप कार्यकर्ताओं गांवों में जाकर परिवर्तन का दीप जलाकर इगास पर्व को बडी ही धूमधाम से मनाएंगे.  उन्होंने कहा था कि, इस त्योहार को उत्तराखंड में सदियों से मनाया जाता है.

उन्होंने बताया कि भगवान राम ने जब लंकापति रावण पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापसी की तो पूरे देश में तब से दीपावली का पर्व मनाया जाने लगा ,लेकिन विषम परिस्थितियों के कारण यह समाचार पहाडों में 11 दिन बाद पहुंचा, जिस कारण यहां दीपावली के 11 दिन बाद इगास पर्व को दीपावली के रुप में मनाया जाता है. इसलिए उन्होंने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा था कि इस पारंपरिक पर्व के दिन राज्य सरकार को राजकीय अवकाश घोषित करना चाहिए.

14 नवंबर को है इगास का पर्व
बता दें कि आज 14 नवम्बर को है इगास का त्यौहार है और इस दिन भी लोग दीपावली की ही तरह इगास के पर्व को मनाते हैं, भैलु खेलते हैं. दरअसल पहाड़ में दीपावली यानी बग्वाल पर्व के 11 दिन बाद इगास पर्व या बूढ़ी दीपावली मनाने की परंपरा है. दीपावली के 11 दिन के बाद उत्तराखंड में इगास का पर्व मनाया जाता है. Igas को पहाड़ की संस्कृति के साथ साथ ऐतिहासिक तथ्यों से भी जोड़ा जाता है. आज के दिन सुबह मीठे पकवान बनते हैं. वहीं शाम को देवी-देवताओं की पूजा की जाती है.

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