International Girl Child Day 2021: बचपन में कट गई थीं दोनों हाथों की हथेलियां, एक अंगूठे की मदद से बनीं ग्रेजुएट
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1004436

International Girl Child Day 2021: बचपन में कट गई थीं दोनों हाथों की हथेलियां, एक अंगूठे की मदद से बनीं ग्रेजुएट

 International Girl Child Day 2021: चंदौसी तहसील के छोटे से गांव जनेटा के किसान मोहम्मद हनीफ की लाड़ली बेटी साजिदा जब 8 साल की थी ,उस दौरान चारा मशीन से चारा काट रहे पिता की मदद के दौरान साजिदा के दोनों हाथों की हथेलियां चारा मशीन में आने से कट गई थीं.

International Girl Child Day 2021: बचपन में कट गई थीं दोनों हाथों की हथेलियां, एक अंगूठे की मदद से बनीं ग्रेजुएट

सुनील सिंह/संभल: यूपी के संभल की दिव्यांग साजिदा अपने बुलंद हौसला और जूनून से दिव्यांगों के लिए प्रेरणा बन गई है. जिले के चंदौसी तहसील के एक गांव के किसान की बेटी साजिदा के दोनों हाथ 8 साल की उम्र में चारा काटने की मशीन से कट गए थे. लेकिन, 8 साल की उम्र में दोनों हाथ की हथेलियां कटने के बावजूद साजिदा ने अपना हौसला नहीं खोया. सिर्फ एक अंगूठे और हाथ की कटी हथेली की मदद से लिखाई पढ़ाई कर ग्रेजुएशन किया. यही नहीं साजिदा ने टेलरिंग-क्राफ्टिंग जैसे तमाम कामों का हुनर सीखा.

चारा मशीन से कट गए थे दोनों हाथ 
चंदौसी तहसील के छोटे से गांव जनेटा के किसान मोहम्मद हनीफ की लाड़ली बेटी साजिदा जब 8 साल की थी ,उस दौरान चारा मशीन से चारा काट रहे पिता की मदद के दौरान साजिदा के दोनों हाथों की हथेलियां चारा मशीन में आने से कट गई थीं. सिर्फ एक अंगूठा ही बचा था. 8 साल की उम्र में दोनों हाथ की हथेलिया कटने के बाद साजिदा ने अपना हौसला नहीं खोया. बल्कि शिक्षिका बनने के अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने हाथ की कटी हथेली में बचे अंगूठे को अपना मददगार बना लिया.

कुशीनगर: बेसहारा बच्चों के लिए सहारा बनी ननद और भाभी की जोड़ी, बेटियों को बनाती हैं आत्मनिर्भर

साजिदा ने अपने कटे हाथ के अगुंठे और हाथ की कटी हथेली की मदद से लिखने की दिन रात प्रेक्टिस कर लिखने में महारत हासिल कर ली. हाईस्कूल, इंटरमीडिएट में प्रथम श्रेणी में पास करने के बाद साजिदा ग्रेजुएशन भी कम्प्लीट कर ली है. शिक्षिका बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए साजिदा बीएड कर रही हैं.

VIDEO: दोस्तों के सामने दुल्हन ने डांस करते हुए दूल्हे से की अनोखी डिमांड, देखते रह गया चेहरा

गरीब बच्चों के लिए लगाती है निशुल्क क्लास 
पढ़ाई के साथ-साथ दिव्यांग साजिदा ने अपने कटे हाथों से टेलरिंग और क्राफ्टिंग का हुनर भी सीख लिया है. साजिदा को टेलरिंग और क्राफ्टिंग में इतनी महारत हांसिल है  कि वह अब अपनी पढाई के साथ घर पर टेलरिंग का काम कर पिता की आर्थिक मदद भी करती है. यही नहीं साजिदा गांव के गरीब बच्चों को पढाने के लिए अपने घर पर बच्चों की निशुल्क क्लास भी लगाती हैं.

International Girl Child Day 2021 पर सुने बाप-बेटी का यह गाना, शर्तिया कहेंगे 'वाह जी वाह'-VIDEO

कई समाजसेवी सस्थाएं कर चुकी हैं सम्मानित 
साजिदा के पिता मोहम्मद हनीफ उसका हौसला बढ़ाने के लिए हमेशा साथ में रहते हैं. मोहम्मद हनीफ कहते है कि उन्हें अपनी बेटी पर फख्र है. दिव्यांग साजिदा का सपना है कि वह टीचर बनकर दिव्यांग और उन बच्चों को शिक्षित करे जो शिक्षा से महरूम हैं. साजिदा अपनी सकरात्मक सोच और बुलंद हौसले से दिव्यांगों और बेटियों के लिए एक नजीर बन गई है. जिले की कई समाजसेवी सस्थाओं ने दिव्यांग साजिदा को सम्मानित कर उसके हौसले की तारीफ की है.

लखनऊ पुलिस को मिली बड़ी सफलता, मुठभेड़ के बाद 2 बांग्लादेशी डकैतों को किया गिरफ्तार

WATCH LIVE TV

Trending news