Janmashtami 2022: मथुरा और वृंदावन ही नहीं अयोध्या में भी जन्माष्टमी को धूमधाम से मनाया जाएगा. इसको लेकर तैयारियां चल रही हैं. मंदिरों में भगवान के जन्म के दौरान प्रतीकात्मक रूप में जन्म कराए जाने के साथ भव्य आरती और पूजन का भी आयोजन किया जाएगा.
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अयोध्या: 19 अगस्त की रात बजे एक बार फिर भगवान श्री रामलला का दरबार 1 घंटे के लिए खोला जाएगा. इस दौरान सुरक्षा के अधिकारी मौजूद होंगे और रामलला के पुजारी भव्य आरती पूजन भी करेंगे. दरअसल इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव रामलला के गर्भ गृह में मनाया जाएगा. भगवान कृष्ण का जन्म देर रात 12 बजे हुआ था और आज भी उसी परंपरा के तहत मठ मंदिरों में भगवान के उत्सव को मनाया जाता है.
मथुरा-वृंदावन ही नहीं अयोध्या में भी होगी जन्माष्टमी की धूम
भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव वैसे तो मथुरा और वृंदावन में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन इसको अयोध्या में भी बड़े ही उत्साह से मनाया जाएगा. अयोध्या के सैकड़ों मंदिरों में भगवान के जन्म के दौरान प्रतीकात्मक रूप में जन्म कराए जाने के साथ भव्य आरती और पूजन का भी आयोजन किया जाएगा. साथ ही कई जगहों पर भगवान श्री कृष्ण की भव्य झांकियों के भी आयोजन करने की तैयारी की जा रही है. वहीं राम जन्मभूमि परिसर में भी भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव भव्यता के साथ मनाए जाने की तैयारी शुरू हो गई है.
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा कि 19 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी राम जन्मभूमि में भी मनाई जाएगी. शाम को श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन के बाद शाम की आरती के बाद बन्द कर दिया जाएगा. फिर रात लगभग 11.30 बजे रामलला के अस्थाई मंदिर को खोला जाएगा. इस दौरान विधि विधान पूर्वक आरती पूजन के बाद फिर 12.30 पर बन्द कर दिया जाएगा.
वहीं कहा कि जिस तरह भगवान श्री राम लला का जन्म उत्सव मनाते हैं. उसी तरह से विशेषकर मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि पर मनाया जाता है. भगवान राम और कृष्ण दोनों एक ही हैं. दोनों की पूजन दर्शन का विधान एक जैसा है. इसलिए हम दोनों जन्मतिथि चैत्र रामनवमी कृष्ण जन्माष्टमी प्रत्येक वर्ष मनाते हैं. इस वर्ष भी बड़े धूमधाम से मनाएंगे.
इसमें 1500 किलो चार प्रकार की पंजीरी, 40 लीटर पंचामृत, 15 किलो पेड़ा और 20 किलो फल का भोग लगाया जाएगा. 19 अगस्त की रात में भगवान का जन्मोत्सव होगा भव्य आरती के बाद भोग भी लगाया जाएगा. वहीं इस दौरान मौजूद सुरक्षा के अधिकारी व कर्मचारियों को इसका प्रसाद बांटा जाएगा. लेकिन सुरक्षा के लिहाज से किसी भी श्रद्धालु के शामिल होने की अनुमति नहीं है. इसलिए श्रद्धालुओं को भी इसका प्रसाद मंदिर खुलने के बाद बांटा जाएगा.