जौनपुर की मशहूर इमरती की अब पूरी दुनिया में फैलेगी मिठास, आम-खास सभी हैं इसके जायके के दीवाने
Advertisement

जौनपुर की मशहूर इमरती की अब पूरी दुनिया में फैलेगी मिठास, आम-खास सभी हैं इसके जायके के दीवाने

Jaunpur News: जौनपुर की मशहूर इमरती को अब खास पहचान मिलने जा रही है. जिसके बाद इसकी खुशबू पूरी दुनिया में फैलेगी. योगी सरकार ने यहां की इमरती को जियोग्राफिकल इंडिकेशन्स टैग (जीआई टैग ) दिलाने के प्रयास  तेज कर दिए हैं. 

जौनपुर की मशहूर इमरती की अब पूरी दुनिया में फैलेगी मिठास, आम-खास सभी हैं इसके जायके के दीवाने

अजीत सिंह/जौनपुर: जौनपुर भले छोटा शहर हो लेकिन यहां की इमरती के स्वाद का जादू चारों ओर फैला हुआ है. दूर-दूर से लोग इसका जायका लेने जिले में आते हैं. यहां के लोग जब अपने नाते-रिश्तेदार के घर जाते हैं तो इमरती ले जाना नहीं भूलते. इसकी खासियत जानने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां की कई जनसभाओं में इसका जिक्र करते हुए  इमरती की मिठास को पूरे दुनियां में फैलाने का एलान किया था. इसी कड़ी अब जौनपुर की इमरती को जियोग्राफिकल इंडिकेशन्स टैग (जीआई टैग ) दिलाने के प्रयास योगी सरकार ने तेज कर दिए हैं. 

नगर के प्रख्यात बेनीराम देवी प्रसाद के दुकान की बनी इमरती की लज्जत आज 167 वर्ष बाद भी उसी तरह से बरकरार है. इसके जायके मुरीद पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चंद्रशेखर समेत कई दिग्गज नेता और बड़े अफसर रहे हैं. सिराज ए हिन्द की सरजमी जौनपुर की धरती पर उगने वाली मूली मक्का पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाये हुए है. वहीं, यहां के बेनीराम देवीप्रसाद की दुकान की बनी इमरती लोगों को अपना गुलाम बना रखी है. यह इमरती पिछले 167 वर्षों से लगातार अपने लज्जत की बदौलत जिले का नाम पूरे देश में रोशन कर रही है.

दुकान के मालिक प्रेमचंद्र मोदनवाल ने बताया कि इस इमरती को बनाने सिलसिला सन् 1855 में गोमती नदी के किनारे शाहीपुल के पास नखास मोहल्ले के निवासी बेनीराम और देवी प्रसाद दो सगे भाईयो ने शुरू किया था. इस इमरती की खासियत है कि उड़द की दाल ,देशी चीनी और शुद्ध देशी से लकड़ी की आंच पर बनायी जाती है. इस आधुनिक युग में भी आज उड़द की दाल को सिल बट्टे पर पीसकर इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके कारण आज भी इस दुकान की बनी इमरती की लज्जत बरकरार है. 

इस इमरती को बनाने के लिए सिल बट्टे पर दाल पीस रही यह बुजुर्ग महिला कलावती देवी ने इस कार्य को करते करते अपनी पूरी उम्र गुजार दी है. महिला का कहना है कि इसी के कारण इस इमरती की स्वाद में चार चांद लगता है. देशी चीनी और देशी घी में बनने के कारण इमरती चाहे गर्म या ठण्डी दोनो परिस्थितियों मुलायम एवं स्वादिष्ट होती है. सबसे बड़ी खासियत है कि इसे बिना फ्रीज में रखे दस दिन तक यह खराब नहीं होती है. जौनपुर से लेकर विदेशों में भी इसका स्वाद चखने को बेकरार रहते हैं. इसके मुरीद देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर समेत यूपी के कई मुख्यमंत्री मुरीद रह चुके हैं.

Mahabahubali Samosa: कैसा होता है महाबाहुबली समोसा,जिसे खाने पर मिलते हैं 71000 रुपए का इनाम

 

Trending news