विशाल सिंह रघुवंशी/कानपुर: कानपुर (Kanpur)  के इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) को महानगर मजिस्ट्रेट कॉरपोरेशन की कोर्ट ने 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. 50 घंटे से भी ज्यादा लंबी पूछताछ के बाद रविवार को पीयूष जैन को गिरफ्तार किया गया. उसकी पहली रात कानपुर के काकादेव थाने में गुजरी. पीयूष जैन अब 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं. बता दें, जीएसटी की धारा 132 में जैन (jail) को जेल भेजा गया है.


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14 दिन की न्यायिक हिरासत
गिरफ्तारी के बाद पीयूष जैन को काकादेव थाने में बंद किया गया और पूछताछ भी की गई. जैन को बंद कोर्ट में पेश किया गया. जीएसटी इंटेलीजेंस अहमदाबाद की टीम ने शाम करीब चार बजे रिमांड मजिस्ट्रेट योगिता कुमार के कोर्ट में पेश किया गया. जीएसटी (GST) अधिकारी उसे जैसे ही कोर्ट के अंदर ले गए, दरवाजे बंद कर लिए गए और बाहर सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया.


पेशी के बाद फैसला आया कि उसको 14 दिन तक जेल में रखा जाएगा. इस बीच पीयूष के वकीन ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किवल को गैर जरूरी तरीके से  परेशान किया जा रहा है. उन्होंने जीएसटी ऑफिस में बेल की अर्जी डाली है. पीयूष जैन ने ये माना है कि रिहायशी परिसर से बरामद नकदी बिना जीएसटी के माल की बिक्री से जुड़ी हुई है. 


पैतृक घर पर मिली रकम में बढ़ोतरी
कन्नौज में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के पैतृक घर पर मिली रकम में बढ़ोतरी हुई है. 2 करोड़ रुपये और मिले हैं और अब ये रकम बढ़कर करीब 19 करोड़ हो गई है. पीयूष जैन के घर मे रखे कंपाउंड के करीब 320 सैंपल लिए गए है. 80 प्रकार के कम्पाउंड के 4-4 सैंपल लिए गए है, सभी सैंपल कीमती हैं. एक सैम्पल जांच के लिए ffdc ( सुरस एवं सुगंध विकास केंद्र), 1 सैंपल दिल्ली दफ्तर, 1 सैंपल कोर्ट, आखिरी संभालकर रखा. सैंपल की जांच Ffdc में होगी.


जांच में जुटी एजेंसियां
पीयूष के पास करोड़ों की नकदी कहां से आई? जांच एजेंसियां इसकी पड़ताल में जुटी हैं. सूत्रों की मानें तो एक प्रभावशाली कारोबारी से प्रतिस्पर्धा में पीयूष के काले कारनामों का चिट्ठा खुला है. सूत्रों का दावा है कि पीयूष के ठिकानों से मिला खजाना हवाला कारोबार और एक बड़े पान मसाला कारोबारी का है. 


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पीयूष जैन ने माना सारा कैश उसका 
पीयूष जैन ने माना कि सारा कैश उसका है. 600 किलो Sandalwood Oil मिला है इसलिये DRI भी जांच में शामिल हो गई है क्योंकि चंदन का अवैध तरीके से इस्तेमाल किया गया है. कानपुर से 177.46 करोड़ कैश और कन्नौज से 17 करोड़ कैश बरामद किया गया है. कन्नौज से 23 किलो सोना भी बरामद किया गया है और अभी भी कन्नौज में छापेमारी चल रही है.


कन्नौज में कंपाउंड किंग नाम से मशहूर पीयूष और उसका भाई
पीयूष और उसका भाई अमरीष जैन कन्नौज में कंपाउंड किंग नाम से मशहूर हैं. इनका कंपाउंड (पान मसाला और इत्र में फ्लेवर के लिए मिलाया जाने वाला मिश्रण) का पुश्तैनी कारोबार है. इनके बाबा और पिता भी यही काम करते थे, लेकिन बेहद सीमित स्तर पर. बीते 15 साल से दोनों भाई काम देख रहे हैं, लेकिन इनका टर्नओवर भी बहुत अधिक नहीं है. कन्नौज के शीर्ष कारोबारियों की सूची में भी इनकी गिनती नहीं है. सूत्रों का कहना है कि इनका कारोबार गुजरात, मुंबई और कानपुर तक है. कन्नौज में इस तरह का काम बड़े पैमाने पर होता है.


छोटे-छोटे कारोबारी बड़े पान मसाला कारोबारियों को कंपाउंड की आपूर्ति करते हैं. पीयूष जैन को शुक्रवार देर रात करीब दो बजे महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) अहमदाबाद की टीम ने आनंदपुरी स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया था. सूत्रों का दावा है कि पीयूष ने अन्य कई कंपनियों के बेनामी धन को भी अपने यहां जमा कर रखा था. 22 दिसंबर को डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां कार्रवाई की थी. अफसर फैक्ट्री में आग लगने की घटना की भी जांच कर रहे हैं.


रुपयों की हो रही जांच
इतनी नकदी मिलने के बाद रुपयों की भी जांच की जा रही है. मसलन नोट किस साल जारी हुए, इनकी सीरीज क्या है, क्या एक ही सीरीज के हैं? इन बिंदुओं पर भी पड़ताल कराई जा रही है, ताकि नोटों के स्रोत का पता लगाया जा सके और साथ ही ईडी भी इस मामले की जल्द जांच करेगी ताकि इसका हवाला कनेक्शन सामने आ सके.


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