दहेज उत्पीड़न के आरोपी राहुल गांधी को राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा-अंतिम विकल्प होना चाहिए गिरफ्तारी
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दहेज उत्पीड़न के आरोपी राहुल गांधी को राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा-अंतिम विकल्प होना चाहिए गिरफ्तारी

जस्टिस अजीत सिंह की कोर्ट ने गौतमबुद्धनगर निवासी राहुल गांधी को दहेज उत्पीड़न, मारपीट गाली-गलौज करने के आरोप में अग्रिम जमानत मंजूर कर लिया है. कोर्ट ने कहा है कि गिरफ्तारी के समय 50 हजार के मुचलके व दो प्रतिभूति लेकर जमानत पर रिहा कर दिया जाए. कोर्ट ने कहा ...

दहेज उत्पीड़न के आरोपी राहुल गांधी को राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा-अंतिम विकल्प होना चाहिए गिरफ्तारी

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High court) ने कहा है कि विवेचना के लिए पुलिस अभिरक्षा में पूछताछ के लिए जरूरी होने पर ही गिरफ्तारी की जाए. कोर्ट ने कहा है की गिरफ्तारी अंतिम विकल्प होना चाहिए. गैर जरूरी गिरफ्तारी मानवाधिकार का हनन है. जोगिंदर सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पुलिस आयोग की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि रूटीन गिरफ्तारी पुलिस में भ्रष्टाचार का स्त्रोत है. रिपोर्ट कहती है 60 फीसदी गिरफ्तारी गैर जरूरी और अनुचित होती हैं जिस पर 43.2 फीसदी जेल संसाधनों का खर्च हो जाता है. कोर्ट ने कहा व्यक्तिगत स्वतंत्रता बहुत ही महत्वपूर्ण मूल अधिकार है. बहुत जरूरी होने पर ही कटौती की जा सकती है. गिरफ्तारी से व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंचती है इसलिए अनावश्यक गिरफ्तारी से बचना चाहिए.

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जस्टिस अजीत सिंह की कोर्ट ने गौतमबुद्धनगर निवासी राहुल गांधी को दहेज उत्पीड़न, मारपीट गाली-गलौज करने के आरोप में अग्रिम जमानत मंजूर कर लिया है. कोर्ट ने कहा है कि गिरफ्तारी के समय 50 हजार के मुचलके व दो प्रतिभूति लेकर जमानत पर रिहा कर दिया जाए. कोर्ट ने कहा है कि याची अपना फोन नंबर व पता विवेचना के दौरान नहीं बदलेगा। पासपोर्ट जमा कर देगा। बिना अनुमति देश नहीं छोड़ेगा, विवेचना में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं करेगा। ऐसी ही अन्य शर्तों का पालन न करने पर कोर्ट को कानूनी कार्रवाई करने की छूट होगी.

राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
बता दें की याची राहुल गांधी के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर जिले में महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. याची ने पुलिस द्वारा कभी भी गिरफ्तार करने की आशंका जाहिर करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है. याची का कहना था कि सह अभियुक्त को अग्रिम जमानत मिल चुकी है इसलिए उसे भी जमानत दी जाए. याची पर आरोप है कि उसकी शादी जून 2016 को हुई. शिकायतकर्ता के परिवार ने दहेज भी दिया लेकिन शादी के बाद एक करोड़ रुपये अतिरिक्त दहेज की मांग की गई.

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याची ने कहा-उसे फंसाया जा रहा
याची के परिवार वाले पीड़िता को लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं. याची का कहना है कि वह निर्दोष है उसकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए फंसाया गया है. विवेचना चल रही है. कुर्की नीलामी कार्यवाही नहीं की गई है. चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है. याची विवेचना में हर सहयोग करने का आश्वासन देता है. सह अभियुक्त साक्षी किरन गांधी को पहले ही राहत मिल चुकी है. उसी समान आरोप याची पर भी है. कोर्ट ने कहा अर्जी की नोटिस राज्य सरकार को पहले ही दी जा चुकी है. जवाब के लिए अतिरिक्त समय दिये जाने की आवश्यकता नहीं है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले व कानूनी प्रावधानों पर विचार करने के बाद अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है.

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