Kanpur Monkey Death: कानपुर में बारिश के चलते खंबे में उतरे करेंट की चपेट में आकर बंदर और उसके बच्चा मर गए. दोनों का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने विधिपूर्वक दोनों को जमीन में दफन किया.
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कानपुरः आज के समय में लोगों का प्रकृति और जानवरों से लगाव कम होता जा रहा है. आए दिन जानवरों के साथ बर्बरता की खबरें देखने और सुनने में आती हैं. वहीं, आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें जानवरों से इतना प्रेम है कि उनके मरने के बाद बकायदा उनका अंतिम संस्कार करते हैं. जी हां, आमतौर पर हम किसी अपने, परिचितों या आस-पास किसी के मरने पर उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सुना या देखा है बंदर का अंतिम संस्कार. शायद ही सुना या देखा होगा.
मानवता की मिसाल पेश की
सुनने में यह अजीब लग रहा होगा, लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां कुछ मानवता की मिसाल पेश करते हुए शहर के लोगों ने बंदर और बंदर के बच्चे की मौत होने पर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया. इन पलों को जिस किसी ने भी देखा वह भावुक हो गया.
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पशु प्रेम का एक अनूठा मामला
दरअसल, कानपुर में बंदरों के अंतिम संस्कार किए जाने का मामला सामने आया. यहां पर बंदर और उसके बच्चे का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने विधिपूर्वक दोनों को जमीन में दफन किया.
यह है पूरा मामला
बारिश का मौसम है जिसके चलते हर चीज में करेंट आ जाता है. ऐसे ही करेंट लगने से एक बंदर और उसके बच्चे की मौत हो गई थी. यह मामला नवाबगंज थाना क्षेत्र के नवाबगंज कस्बे का है. जहां बारिश के चलते खंबे में उतरे करेंट की चपेट में आकर बंदर और उसके बच्चा मर गए. इसकी सूचना बजरंग दल कार्यकर्ताओं को मिली, जिसके बाद कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे. उन्होंने दोनों के शवों का ससम्मान और विधिपूर्वक अंतिम संस्कार किया. जमीन में दफन करने से पहले ही दोनों के शवों पर फूल मालाएं चढ़ाई गई. इसके बाद रामनामी ओढ़ा कर उन्हें जमीन में दफन किया गया.
ससम्मान किया बंदर और उसके बच्चे का अंतिम संस्कार
बंदर और उसके बच्चे की अंतिम संस्कार में शामिल हुए बजरंग दल के एक कार्यकर्ता ने बताया कि हमें स्थानीय लोगों द्वारा बंदरों की मौत की सूचना मिली, जिसके बाद हमारे कुछ साथी घटना स्थल पर पहुंचे. इसके बाद तब हमने ससम्मान बंदर और उसके बच्चे का अंतिम संस्कार किया.
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