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वाराणसी: सड़कों का जाल और हवाई यात्रा की सुविधा के बाद अब जलमार्ग से भी काशी की यात्रा सुगमता से होने लगी है. विदेशी यात्रियों का एक दल पटना से चलकर 6 सितबर को वाराणसी पहुंचेगा. श्री काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण और काशी के कायाकल्प के बाद पहली बार एबीएन राजमहल क्रूज़ वाराणसी आ रहा है. इसको लेकर पर्यटकों में उत्साह है. विदेशी मेहमान वाराणसी और चुनार घूमेंगे.
बदलते बनारस को देखने के लिए विदेशियों का एक दल पटना से वाराणसी जल मार्ग से आ रहा है. सैलानियों के साथ क्रूज़ पर आ रहे और असम, बंगाल नेविगेशन कंपनी के जीएम कुनाल सिंह ने बताया कि 7 दिनों के इस टूर में देसी और विदेशी सैलानी हैं. फाइव स्टार जैसी सुविधा वाले इस क्रूज़ पर 13 ब्रिटिश, 3 जर्मन और 2 भारतीय पर्यटक सवार हैं. पर्यटकों का ये सफर 2 सितम्बर को पटना से शुरू हुआ है, जो मनेर, बक्सर गाज़ीपुर होता हुआ 6 सितम्बर को दोपहर बाद वाराणसी पहुंचेगा.
सावन में काशी में आए थे रिकॉर्ड 1 करोड़ से ज्यादा पर्यटक
वाराणसी पहुंचने के बाद ये भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ देखेंगे. इसके बाद काशी विश्वनाथ धाम, गंगा आरती और बनारस की गलियों को देखेंगे. पर्यटकों का ये दल रामनगर फोर्ट और चुनार का किला भी देखने जाएगा. जल मार्ग से आया पर्यटकों का ये दल 9 तारीख को हवाई मार्ग से अपने को गंतव्य को रवाना हो जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से काशी का कायाकल्प होने के बाद से ही पर्यटकों के आने का सिलसिला बढ़ गया है. सिर्फ़ सावन के महीने में ही रिकॉर्ड एक करोड़ से ज़्यादा पर्यटक के काशी आए थे.
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने पर्यटकों को कोई असुविधा न हो इसलिए सुरक्षा को लेकर वाराणसी पुलिस कमिश्नर से सुरक्षा की मांग की है. एबीएन राजमहल क्रूज़ की रामनगर बंदरगाह पर लंगर करने की सम्भावना है. इसके पहले वाराणसी से हल्दिया तक जलपोतों से व्यवसायिक सामानों की ख़ेप जा चुकी है, जिसके लिए रामनगर में एक बड़े बंदरगाह का निर्माण हुआ है.
कुनाल सिंह ने बताया कि क्रूज अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप है. इसमें 22 कमरे हैं, जिसमे 40 लोग रह सकते हैं. कमरों अलावा डाइंनिग हाल, सनडिक, सलून आदि की व्यवस्था है. इस आधुनिक और फाइव स्टार की तरह सुविधा युक्त क्रूज़ पर रहना, ब्रेक फ़ास्ट, लंच और डिनर की भी सुविधा है.