जानिए कितनी है यूपी के मंत्रियों की सैलरी, मिलती हैं कौन-कौन सी सुविधाएं
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जानिए कितनी है यूपी के मंत्रियों की सैलरी, मिलती हैं कौन-कौन सी सुविधाएं

आपके मन में मंत्रियों की सैलरी और वेतन भत्ते को लेकर अक्सर सवाल उठते होंगे. इस रिपोर्ट के जरिए हम आपको बता रहे हैं देश के सबसे बड़े प्रदेश में मंत्रियों को कितना वेतन और भत्ता मिलता है.

जानिए कितनी है यूपी के मंत्रियों की सैलरी, मिलती हैं कौन-कौन सी सुविधाएं

लखनऊ:  देश के सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश की राजनीति ही नहीं यहां के हर छोटे बड़े फैसलों पर देश की नजर रहती है. क्या आपने कभी पता किया है कि यूपी के मंत्रियों की सैलरी कितनी है. पिछली बार उनका वेतन कब बढ़ा. या फिर उन्हें सरकारी सुविधाओं के नाम पर आखिर क्या-क्या मिलता है. और ये सब कौन सा विभाग मुहैया कराता है. प्रदेश में पिछली बार उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन, भत्ते, प्रकीर्ण उपबंध) संशोधन अध्यादेश 2020 के जरिए वेतन भत्तों में वृद्धि की गई थी. इस अध्यादेश के बाद इस समय यूपी के मंत्रियों की सैलरी 1 लाख 10 हजार रुपये प्रति महीना है. इसमें वेतन (40 हजार), विधानसभा क्षेत्र के लिए मिलने वाला भत्ता (50 हजार रुपये) और निजी सहायक के लिए मिलने वाला भत्ता 20 हजार रुपये भी शामिल है. योगी सरकार की मौजूदा कैबिनेट में 56 मंत्री हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक 403 एमएलए और 100 विधान परिषद सदस्यों के ऊपर सालाना 17.50 करोड़ रुपये खर्च होता है. कैबिनेट स्तर मंत्रियों को चाय और जलपान के लिए 10 हजार प्रतिमाह, राज्यमंत्रियों को 7,500 प्रत्येक माह मिलते हैं.

प्रदेश में विधायकों को वेतन के रूप में 95,000 हजार रुपये दिए जाते हैं. विधायकों को हर महीने 17,500 रुपये की मूल वेतन मिलता है. साथ ही 35 हजार रुपये निर्वाचन क्षेत्र के लिए भत्ता और 14 हजार रुपये कार्यालयीन खर्च के लिए मिलता है. एमएलए को सफर करने के लिए प्रति वर्ष 4.25 लाख रुपये रेल यात्रा कूपन भत्ता मिलता है. जबकि सूबे में एक विधायक निधि के रूप में विधायक 5 वर्ष के कार्यकाल में 7.5 करोड़ रुपये मिलते हैं. 

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शपथ लेते ही सभी मंत्रियों को राज्य संपत्ति विभाग एक-एक वाहन उपलब्ध कराता है. सिक्यूरिटी के लिए स्कॉर्ट मंत्रियों के गृह जिलों से उपलब्ध कराया जाता है. सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रियों के गाड़ी के लिए पेट्रोल की व्यवस्था करता है. मंत्रियों को आवास राज्य संपत्ति ही उपलब्ध कराता है. राज्य संपत्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग मंत्रियों को जो सामग्री देते है, उनमें एसी स्वीकृत नहीं है. नियमों के मुताबिक मंत्रियों को फ्रिज, दो कूलर, RO और गीजर के साथ, फर्नीचर सामग्री, पर्दे दिए जाते हैं. इसी तरह विधायकों को भी राज्य संपत्ति विभाग फ्रिज, कूलर, आरओ एवं फर्नीचर मुहैया कराता है.

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